लोग कहते हैं ये करो,वो करो
ऐसे करो,वैसे करो
यहाँ करो,वहां करो
लोगों को कहने दो...
'मैं ' कहता हूँ वो करो
जो करने को दिल कहे
जो 'मेरा' मन कहे.
यूँ तो मटमैली धरती पर भी
सतरंगी सपने, देखे जाते हैं
धरती और असमान के
मिलन के किस्से कहे जाते हैं
क्या क्या कहते हैं,क्या क्या करते हैं
कुछ जान कर या अनजान बनकर
पर 'मैं ' करूँगा वो
जो मेरा मन कहे
किसी को जो कहना हो वो कहता रहे.
ऐसे करो,वैसे करो
यहाँ करो,वहां करो
लोगों को कहने दो...
'मैं ' कहता हूँ वो करो
जो करने को दिल कहे
जो 'मेरा' मन कहे.
यूँ तो मटमैली धरती पर भी
सतरंगी सपने, देखे जाते हैं
धरती और असमान के
मिलन के किस्से कहे जाते हैं
क्या क्या कहते हैं,क्या क्या करते हैं
कुछ जान कर या अनजान बनकर
पर 'मैं ' करूँगा वो
जो मेरा मन कहे
किसी को जो कहना हो वो कहता रहे.
पर 'मैं ' करूँगा वो
ReplyDeleteजो मेरा मन कहे
बिल्कुल सही करना भी चाहिए ... शुभकामनाएं
बहुत बढ़िया यशवंत............
ReplyDeleteये जज़्बा कायम रखना.................
ढेर सी शुभकामनाये और स्नेह...
बहुत बढ़िया यशवंत............
ReplyDeleteये जज़्बा कायम रखना.................
ढेर सी शुभकामनाये और स्नेह...
दिल की ही सुननी चाहिए ...
ReplyDeletebahut sunder yashwant ji sahi kaha wahi kare jo dil kahae ......der sari shubhkamnaye
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