'वो' कहते हैं,
मोहब्बत की बातें न किया करो
काफिरों को न,इस राह का मुसाफिर कहा करो
वो काफ़िर हैं- जिन्होंने दिल लगा लिया अपनी मर्ज़ी से,
न ये सोचा- कि महबूब का क्या मज़हब औ जात क्या है,
वो कहते हैं कि दफ़न कर देंगे
इस दास्तान ए इश्क को मगर
इतना भी नहीं जानते कि
जज्बात कभी मरते नहीं हैं.
तुम दफ़न कर दोगे,या जलादोगे उनके बदन
इतना याद रखना कि रूह कभी मिटती नहीं है।
-----(खाप पंचायतों द्वारा प्रेमी युगलों कि हत्या किये जाने पर)
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