पल भर में बीयर भी वाइन हो गयी
जैसे आज कल महंगाई डायन हो गयी
दूल्हा दुल्हन की शादी भी ऑनलाइन हो गयी।
अब क्या करेगा मजनू,बस कुछ चैट-वैट हो गयी
पल भर में एक लड़की भी सैट हो गयी
जिंदगी इंटरनैट हो गयी॥
यू ट्यूब पर डाला वीडियो,दुनिया देख रही तमाशा
दर्शन हो गए मंदिर में,पंडित जी बाँट रहे बताशा
खुल्लम खुल्ला सारी दुनिया,
मुट्ठी में कैद हो गयी।
जिंदगी इंटरनैट हो गयी॥
और क्या बता दूँ तुम को
अगर हो कहीं पर जाना
लम्बी-लम्बी लाइन में,
न अब टिकट को बुक करवाना
अब तो पल भर में
ऑनलाइन पेमैंट हो गयी।
जिंदगी इंटरनैट हो गयी॥
जैसे आज कल महंगाई डायन हो गयी
दूल्हा दुल्हन की शादी भी ऑनलाइन हो गयी।
अब क्या करेगा मजनू,बस कुछ चैट-वैट हो गयी
पल भर में एक लड़की भी सैट हो गयी
जिंदगी इंटरनैट हो गयी॥
यू ट्यूब पर डाला वीडियो,दुनिया देख रही तमाशा
दर्शन हो गए मंदिर में,पंडित जी बाँट रहे बताशा
खुल्लम खुल्ला सारी दुनिया,
मुट्ठी में कैद हो गयी।
जिंदगी इंटरनैट हो गयी॥
और क्या बता दूँ तुम को
अगर हो कहीं पर जाना
लम्बी-लम्बी लाइन में,
न अब टिकट को बुक करवाना
अब तो पल भर में
ऑनलाइन पेमैंट हो गयी।
जिंदगी इंटरनैट हो गयी॥
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 01-12 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचल में आज .उड़ मेरे संग कल्पनाओं के दायरे में
इंटरनेट आदतों में बदल रहा है. इसे व्यसन भी कह सकते हैं. :))
ReplyDeleteसच में आज के पलों की सटीक व्याख्या ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...
सच बोला यशवंत भाई, ज़िंदगी इंटरनेट ही हो गयी है
ReplyDeleteसुंदर कविता
सच में भाई जी सच में सारी दुनिया खुल्लमखुल्ला मुट्ठी में कैद हो गयी है |
ReplyDeleteसुंदर रचना !
ATI ROCHAK ....TOO GOOD .BADHAI
ReplyDelete:)लाइफ भी रेट की रेस हो गई :)
ReplyDeleteबढ़िया कविता.
सच कहा... सुंदर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteसादर बधाई...
इंसान की ज़िंदगी में इंटरनेट की हर रोज बढती जा रही घुसपैठ पर बहुत शानदार रचना लिख दी है आपने यशवंत जी ! आनंद आ गया !
ReplyDeleteबहुत बढि़या ।
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