एक श्रद्धांजली मेरी
आज प्रिये स्वीकार कर लो
आज तुम्हारी पुण्य तिथि है
पुष्प चक्र स्वीकार कर लो
मैं नतमस्तक हूँ
स्मृति में
इस मृत्तिका में तेरी गंध है
श्वासों में जो घुल मिल कर
करती मेरा
आलिंगन है
तुझ से मेरा प्रेम पवित्र
तुम 'हिंदी' और 'हिंदी' मैं
हिन्दीमय मेरे अधर --
मेरा प्रणय
स्वीकार कर लो
एक श्रद्धांजली मेरी
आज प्रिये स्वीकार कर लो
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ,
ReplyDeleteएक बार इसे जरुर पढ़े, आपको पसंद आएगा :-
(प्यारी सीता, मैं यहाँ खुश हूँ, आशा है तू भी ठीक होगी .....)
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_14.html
bahut achhee prastuti
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी है
ReplyDeleteआदरणीय गजेन्द्र जी,पूजा जी,और वीना जी-आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.
ReplyDeleteअच्छी पंक्तिया ........
ReplyDeleteअच्छी कविता ........
मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.html
कृपया विजेट पोल में अपनी राय अवश्य दे ...
हिंदी दिवस पर बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति है आपकी ......!!
ReplyDeleteआदरणीया 'हीर' जी
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद!
bahut sundar likha hai yash.... badhai ho mere bhai
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