बापू तेरे देश में
हम तेरी बातें भूल गए
तू तो छप गया नोटों पे
हम काले धन में डूब गए
बस आज करेंगे तेरी बातें
खादी पहन चलेगा चरखा
ए.सी.मोटर में आके
हम तेरे गीत गाएंगे.
कल फिर तुझ को भुलाएँगे!
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(जो मेरे मन ने कहा.....)
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02 October 2010
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ReplyDeleteBeautiful presentation.
A bitter truth !
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sसही कहा आपने। बापू जी और लाल बहादुर शास्त्री जीको शत शत नमन ।र
ReplyDeleteडियर यशवंत,
ReplyDeleteशायद मैं पहले भी यहाँ आया हूँ.... पर आज फोटो ध्यान से देखा है और पता चला के तुम तो वही यशवंत हो जो मेरठ के बिग बाज़ार में काम करते थे. मुझे अच्छे से याद है के यू वर वैरी डेडीकेटिड एंड एवर रेडी टु हैल्प......
ब्लॉग जगत में पाकर अच्छा लगा.
खूब तरक्की करो.
आशीष
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प्रायश्चित
आदरणीया निर्मला जी/दीदी,
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आप के उत्साहवर्धन के लिए.
आशीष जी
ReplyDeleteजी हाँ आपने बिलकुल ठीक पहचाना मैं वही यशवन्त हूँ.लेकिन अब बिग बाज़ार customer service छोड़ कर खुद का छोटा सा business कर रहा हूँ.
आदरणीया आंटी जी को मेरी नमस्ते कहें.
theek likhe hain,good.
ReplyDeleteअच्छी लिखी है...उनकी सीख पर तो अमल नहीं करते फिर भी याद तो करते ही हैं...बधाई...
ReplyDeleteसच में गाँधी जी आज नोटों पर ही सबको अच्छे लगते हैं ..... आज का सत्य यही है ...
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति ....
आदरणीया मृदुला जी,वीना जी एवं कविता जी,
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद मेरी इस कविता को पसंद करने के लिए.
दिव्या जी के ब्लॉग से होकर आपतक पहुंचा हूँ ...
ReplyDeleteये कविता अच्छी लगी .. कड़वा सच है ..
अच्छे विचार हैं. और यह सत्य है.
ReplyDeleteRespected Inranil ji, Masum ji
ReplyDeleteThank you so much.