एक तरफ भूखे नंगे
जो चुन चुन अन्न खाएंगे
कूड़े के ढेरो पे बच्चे
अपना भविष्य बनाएँगे
कैसी दीवाली मनाएँगे?
फुटपाथों पे कटती रातें
सहते शीत औ गरमी को
जूठन भी मुश्किल से मिलती
तरसते तन भी ढकने को
ये कैसी समृद्धि हाय!
आज बता दो तुम लक्ष्मी माता
जन गण मन अधिनायक भारत
क्या यही विश्व में विजय पताका?
कब मुस्काएंगे वो चेहरे
कब हिल मिल खुशी मनाएँगे
झोपड़ियों में जब दिए जलेंगे
नूतन गाथा गाएंगे
कैसी दीवाली मनाएंगे?
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-यशवन्त माथुर©
मन व्यथित कर गयी यह कविता..बहुत ही कड़वे सच को सामने लाती हुई कविता है.
ReplyDeleteहम दीपावली मनाएंगे
ReplyDeleteजिनके घरों में
चूल्हे भी नहीं जले
उन्हें शर्मशार करते हुए
घी के दीप जलाएँगे,
...................कैसी दीवाली मनाएंगे?
त्यौहार के मौके पर सोचने को मजबूर करती आपकी ये रचना...उस दीवाली का मुझे भी इंतज़ार रहेगा,,...आपको और आपके परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं....
ReplyDeleteये कैसी समृद्धि हाय!
ReplyDeleteआज बता दो तुम लक्ष्मी माता
जन गण मन अधिनायक भारत
क्या यही विश्व में विजय पताका?
sundar prastuti !
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दिवाली की शुभकामनाएं.... यशवंत भैया....
ReplyDeleteयही कड़वा सच है.... यशवंत.... बहुत विचारणीय पोस्ट लिखी है आपने .....दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteये बात तो सौ आने सच है पर फिर भी त्यौहार मनाते चले आ रहे है हम.... हमारे यहाँ मम्मी हमेशा जब भी दीपावली का नास्ता पूरा बन जाता है सबसे पहले उसमे से कुछ मंदिर के पास जाकर बाटती है ....शायद हम सब भी कुछ अपनी खुशिया बाटकर दीपावली कि खुशिया बढा सकते है ....
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं....
हैप्पी दीपावली
ReplyDelete-------
मेरा पोर्ट्रेट
अज का कडवा सच है लेकिन हम लोग सिर्फ अपने बारे मे ही सोचते हैं। मन दुखी हो गया। आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteकब मुस्काएंगे वो चेहरे
ReplyDeleteकब हिल मिल खुशी मनाएँगे
झोपड़ियों में जब दिए जलेंगे
नूतन गाथा गाएंगे
कैसी दीवाली मनाएंगे?
अति सुंदर
एक तरफ भूखे नंगे
ReplyDeleteजो चुन चुन अन्न खाएंगे
कूड़े के ढेरो पे बच्चे
अपना भविष्य बनाएँगे
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
इस ज्योति पर्व का उजास
ReplyDeleteजगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
झोपड़ियों में जब दिए जलेंगे
ReplyDeleteनूतन गाथा गाएंगे
vyathit karne wale tathya is deepawali ke prakash mein sankalp ban hriday mein samaye ki hum layenge muskaan un aankhon mein!!!
khoob deep jale diwaron par bhi aur dil mein bhi...!
दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें. शुभकामनाओं के चलते ही हालात भी बदलने का हौसला आयेगा न? इसलिये शुभकामनायें ज़रूरी हैं.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आकर प्रोत्साहित करने के लिए आप सभी को सादर धन्यवाद!
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