सेंटा क्लॉज़!
मुझे यकीन है
तुम आओगे
खुशियों से भरी
अपनी झोली ले कर
मैं जानता हूँ
तुम मेरे पास भी आओगे
हाथ मिलाओगे
मुस्कुराओगे
अपनी बर्फ सी सफ़ेद दाढी पर
हाथ फिराकर
मुझे भी पकड़ा दोगे
थोड़ी सी खुशियाँ
मगर आज मैं तुम से कहना चाहता हूँ
कुछ
जो सोच कर रखा है मन में
बस इसे प्रार्थना कहो या जो कहो
पर अलविदा कहने से पहले
एक नज़र डाल लेना
तुम्हारी राह में पड़ने वाले
अनगिनत चौराहों पर
जिनके किनारे
रहते हैं वो नन्हे से नंगे मासूम
जो ठिठुर रहे हैं
माँ के आँचल में छुप कर
जाते जाते
एक मुस्कराहट उन्हें दे जाना
दे देना वो ख़ुशी वो हँसी
वो जिसके हकदार हैं
मुझे कर्ज़दार समझ लेना अपना
अगर एक काम और करो तो
पेट में मार दी जाने वाली
सब नारियों को अगर जिला सको तो
सेंटा क्लोज़ !
तुम अगर ये कर सके तो
यही ख़ुशी होगी मेरी
मैं तुम्हारी झोली में बार बार झाँक रहा हूँ
आज बस यही उपहार मांग रहा हूँ.
(सभी पाठकों और शुभचिंतकों को क्रिसमस की शुभ कामनाएं.)
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गज़ब का उपहार माँगा है…………सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत संवेदनशील और सुन्दर अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteएक मुस्कराहट उन्हें दे जाना
ReplyDeleteदे देना वो ख़ुशी वो हँसी
वो जिसके हकदार हैं//
बहुत सुंदर ...
सार्थक कविता शायद ऐसी ही होती है ///
khat khat ... bahar santa khade hain , nikaliye unke saath aur apni khwaahish poori kijiye
ReplyDeleteआपको क्रिसमस की अगणित शुभकामनाये. कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक अभिशाप है
ReplyDeletesunadr... uttam kriti punah sir aapki busy hour ke karan regular nahi aa pata lekin jab aata man anandit ho jata... christmas ki badhai apko bhi...
ReplyDeleteक्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के
ReplyDeleteआशीषमय उजास से
आलोकित हो जीवन की हर दिशा
क्रिसमस के आनंद से सुवासित हो
जीवन का हर पथ.
आपको सपरिवार क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं
सादर
डोरोथी
इससे प्यारा कोई उपहार हो ही नही सकता
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना, क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएं...आपकी हर मनोकामना पूरी हो
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteएक आत्मचेतना कलाकार
संवेदनशील रचना!
ReplyDeleteईश्वर आपकी मुराद पूरी करें । शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteयशवंत जी
ReplyDeleteआपकी रचना ...................और आपकी मांग का जबाब नहीं ...शुक्रिया
जब भी सेंटा आए तो मुझे भी बुला लेना... plz...
ReplyDeletepoem... wow... too good...
यह सेंटा क्लाज तो बहुत प्यारा है.
ReplyDeleteमैंने भी तो स्कूल में क्रिसमस मनाया..बड़ा मजा आया.
सभी लोगों को क्रिसमस की ढेर सारी बधाई.
इस कविता को पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteयशवंत भाई, आपके निश्छल मन की भांति ही दिल को छू जाने वाली है यह कविता। हार्दिक शुभकामनाऍं।
ReplyDelete---------
अंधविश्वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।
यशवंत भाई
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
यह अच्छा लगा भाई ...शुभकामनायें !
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 04 -12 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचल में आज .जोर का झटका धीरे से लगा
उम्दा सोच
ReplyDeleteबहुत सुन्दर उपहार माँगा है ... संवेदनशील रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteशुभकामनायें...