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06 January 2011

उसने ठीक ही किया

ये तो होना ही था
जो हुआ
जो मैंने सुना
जो आपने देखा
'उसने' मार दिया खंजर
ले लिया बदला
वो मांग रही है मौत 
अब
जायज़ जुर्म की
सजा के रूप में

यही है इन्साफ
इन्साफ रहित इस युग में
उसने कर लिया
खुद से इन्साफ

उसने ठीक ही किया.



[विशेष-इन पंक्तियों की भावना दो दिन पहले समाचार पत्रों में प्रकाशित एक घटना से प्रेरित है]

21 comments:

  1. उसने ठीक ही किया.
    शायद!

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  2. shaayed---usane theek hi kiya...very nice.

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  3. कटु सत्य का बोध कराती हुई सुंदर रचना -

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  4. शायद उसने ठीक किया होगा...
    उसकी मनोस्थिति वो ही जानती रही होगी...
    परन्तु यदि हर कोई यही करने लग जाए तो काम नहीं चलेगा...
    विचारणीय है ये सोच... अच्छी पंक्तियाँ...

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  5. असरदार रचना के लिए बधाई !

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  6. ये तो होना ही था
    जो हुआ
    जो मैंने सुना
    जो आपने देखा
    'उसने' मार दिया खंजर
    ले लिया बदला
    वो मांग रही है मौत
    अब
    जायज़ जुर्म की
    सजा के रूप में
    hona hi tha ... aakhir kab tak khamosh rahti

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  7. @पूजा जी! आप की बात बिलकुल सही है यदि हर कोई यही करने लग जाए तो काम नहीं चलेगा पर ये भी सोचना आवश्यक है की आखिर क्या कारण हैं कि कोई अपने हाथ में क़ानून क्यों लेता है.बहुत से तत्व हैं जो इसके लिए जिम्मेदार हैं.

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  8. बात एकदम दुरुस्त है। दुखद बात ये है कि उसकी खबर को प्रमुखता से छापने वाले एक साप्ताहिक पत्रिका के संपादक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आखिर इंसाफ का साथ देने की छोटे पत्रकार को कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी। इसे कोई नहीं जान पाया। पीपली लाइव की पूरी कहानी फिर से होनी अभी बाकी है।

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  9. बिलकुल ऐसा ही मुझे भी लगता है.रोहित जी!

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  10. koi kya kare kanoon ka kya bharosa

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  11. इन्साफ रहित इस युग में
    उसने ठीक ही किया....!
    सुंदर रचना..!

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  12. हां उसने बिल्कुल ठीक किया सर्वथा उचित और काबिलेतारीफ़ ..वो सज़ा की नहीं ईनाम की हकदार है और भारत के अलावा कोई और देश होता तो यकीनन ईनाम मिलता भी ..

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  13. यही है इन्साफ
    इन्साफ रहित इस युग में
    उसने कर लिया
    खुद से इन्साफ

    एकदम ठीक....बहुत अच्छी रचना....अपना हिसाब शायद खुद चुकाना पड़ता है....

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  14. jo bhi usne kiya theek hi kiya ---
    ek bahut hi teekhi par haqikat se purn aapki rachna ne bahut hi prabhavit kiya.
    bahut hi sundar abhvykti sadgipurn shabdo me.
    poonam

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  15. ठीक ही नहीं बहुत बढ़िया किया, और जो इस तरह के हर पीड़ित को करना चाहिए, मगर ये दुष्कर्मी म$%&* तो चारों तरफ से कमांडो से घिरे रहते है, हमारी कीमत पर !

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  16. bahut achha likha hai ... kai baar aisa lagta hai jaise iske bina koi aur rasta nahi ...

    आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

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  17. वैचारिक मंथन लिए हैं पंक्तियाँ..... सुंदर

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  18. bahut hi achha likha hai aapne

    kab tak vo chup rahti

    kabhi yha bhi aaye
    www.deepti09sharma.blogspot.com

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  19. आप सभी के उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.

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