महान लोग अवतार लेते हैं
और तार देते हैं
बुझी हुई आशाओं को
एक नया दीप दिखा देते हैं
पर मैं तलाश में हूँ
आज एक अवतार की
जो यहीं कहीं हो शायद
हमारे बीच कहीं
हाँ बापू !मैं आपके अवतार
को ढूढना चाहता हूँ
बात करना चाहता हूँ
और कहना चाहता हूँ
कि इस अँधेरे में
दहशत में
आप फिर से वही
निश्छल
मुस्कराहट बिखेर दो
धरती पर
फिर से एक नयी
क्रान्ति बन कर
अहिंसा औ सत्य का
स्वर नाद जगा जाओ
बापू!
फिर से आ जाओ
बापू!
ReplyDeleteफिर से आ जाओ ...बहुत सुन्दर रचना है ....
महान आत्मा को हमारा नमन !
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बस एक और हो जाये ....
सच अब तो लगता है बापू को मुस्कराहट बिखेरने आना ही पडेगा ।
ReplyDeleteअच्छी पुकार ।
बहुत सुन्दर...गांधी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि..
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुती
ReplyDeleteबहुत सार्थक श्रद्धांजली गांधी जी को..
ReplyDeleteराष्ट्रपिता की पुण्य तिथि पर बापू को हमारा नमन!
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट "बापू को श्रद्धाञ्ञलि"पर आपका स्वागत है!
हमारी तरफ से गांधी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि..बहुत सुन्दर रचना !
ReplyDeleteहे राम !
ReplyDeleteबापू! फिर से आ जाओ रचना के माध्यम से आपने शुभ चिंतन व्यक्त किया है
काश ! गांधीजी तक आपका आह्वान पहुंच पाता …
यशवन्त माथुर जी
अच्छी रचना के लिए आपको
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत ख़ूबसूरती से मन के भावों को उकेरा है |बधाई
ReplyDeleteआशा
बहुत सुंदर ..... बापू को नमन
ReplyDeleteअच्छी कविता.
ReplyDeleteफिर से एक नयी
ReplyDeleteक्रान्ति बन कर
अहिंसा औ सत्य का
स्वर नाद जगा जाओ
बापू!
फिर से आ जाओ
बहुत ही सुंदर भाव, साथ ही सार्थक और कल्याणकारी पुकार
शत-शत नमन
txtemail
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावना है आपके मन में ... इस कीचड़ रुपी समाज में फिर कोई कमल खिलना चाहिए ...
ReplyDeleteकि इस अँधेरे में
ReplyDeleteदहशत में
आप फिर से वही
निश्छल
मुस्कराहट बिखेर दो
धरती पर
फिर से एक नयी
क्रान्ति बन कर
अहिंसा औ सत्य का
स्वर नाद जगा जाओ
बापू!
फिर से आ जाओ
सही कहा आपने आज हमें एक और बापू की जरुरत है !
आभार !
बापू जी पर बहुत खूबसूरत रचना...बधाई.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना.
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.
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