(1)
उफ़! ये शोर
जो आ रहा है
मधुर संगीत का
टी वी पर आ रहे
वर्ल्ड कप मैच का
सड़क पर बजते
डीजे का
मोबाईल पर बजती
मन पसंद धुन का
दीवारों और
पर्दों को भेद कर
खिड़कियों से
या
छप्पर के
दरवाज़े की ओट से
(2)
वो सुनते हैं
झेलते हैं
और रह जाते हैं
मन मसोस कर
जो जुटे हुए हैं
दिन रात एक कर
अपनी मंजिल पाने को
मोटी-पतली
किताबों के साथ
(3)
एक कमरे में बंद
सामने रखी मेज
और कुर्सी पर
सर टिकाये
मन का पंछी
फडफडा रहा है
इस परीक्षा से
या फिर
जी ललचाते
इस शोर से
मुक्ति पाने को !
उफ़! ये शोर
जो आ रहा है
मधुर संगीत का
टी वी पर आ रहे
वर्ल्ड कप मैच का
सड़क पर बजते
डीजे का
मोबाईल पर बजती
मन पसंद धुन का
दीवारों और
पर्दों को भेद कर
खिड़कियों से
या
छप्पर के
दरवाज़े की ओट से
(2)
वो सुनते हैं
झेलते हैं
और रह जाते हैं
मन मसोस कर
जो जुटे हुए हैं
दिन रात एक कर
अपनी मंजिल पाने को
मोटी-पतली
किताबों के साथ
(3)
एक कमरे में बंद
सामने रखी मेज
और कुर्सी पर
सर टिकाये
मन का पंछी
फडफडा रहा है
इस परीक्षा से
या फिर
जी ललचाते
इस शोर से
मुक्ति पाने को !
वो सुनते हैं
ReplyDeleteझेलते हैं
और रह जाते हैं
मन मसोस कर
जो जुटे हुए हैं
दिन रात एक कर
अपनी मंजिल पाने को
मोटी-पतली
किताबों के साथ
kuch ker hi nahi sakte , rahna hai mann masos ke
very nice ,,visit my blog plz
ReplyDeleteDownload latest music
Lyrics mantra
उफ़ यह शोर ...बहुत सुंदर बिम्ब लेकर रचनाएँ लिखी है.... बहुत खूब
ReplyDeleteतीनो रचनाएँ अच्छी है ... और विषय एक ही होने के कारण एक दुसरे से जुड़े हुए हैं ... दरअसल तीनो एक साथ ही अच्छी लग रही हैं ... अलग अलग उतना मज़ा नहीं आता ...
ReplyDeleteसही कहा आपने …………बच्चो मे मन का सुन्दर चित्रण कर दिया ।
ReplyDeletesundar bimbon se saji rachnayen apni baat kahne me samarth .
ReplyDeleteबच्चों की उलझन का सटीक चित्रण ...
ReplyDeleteशुभकामनायें.....
मन का पंछी
ReplyDeleteफडफडा रहा है
इस परीक्षा से
या फिर
जी ललचाते
इस शोर से
मुक्ति पाने को !
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना..
कम शब्दों में गहरी बात.
ReplyDelete---------
पैरों तले जमीन खिसक जाए!
क्या इससे मर्दानगी कम हो जाती है ?
बहुत सुन्दर और सार्थक
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक चित्रण कर दिया ।
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