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जलिये मत ………सीखिये उससे जीना इसी को कहते हैं।
ReplyDeleteare ??? gulab to jeena sikhata hai
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..कठिनाइयों के बीच भी जो मुस्कराता रहे वही तो असली जीना है.
ReplyDeleteजिसमें भी जीने की उत्कट लालसा होगी वही ऐसा जीवन जी सकता है ।जीवन का मूल मंत्र पाने के लिये बधाई ..
ReplyDeletejaliye mat baraabari kariye...
ReplyDeleteVandna ji ne sahi kaha hai -gulab se jeevan jeene ki kala sikhiye .
ReplyDeleteवो जिविट रहने का संदेश दे रहा है ... सिखा रहा है काँटों के बीच भी ....
ReplyDeleteएक संदेश है गुलाब का कांटों के बीच यूं होना ...।
ReplyDeleteबहुत खूब... सुंदर सकारात्मक क्षणिका
ReplyDeleteवाह !! क्या बात कही हिया ... बहुत खूब .
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत ही कोमल
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर,,,
ReplyDelete:-)