कभी
मन के बादलों की ओट से
झांकते हो
एक नज़र देखते हो
और फिर
जाने कहाँ खो जाते हो
तुम
तुम
तुमको
महसूस किया है
मैंने कई बार
कोशिश की है
बात करने की
तुम्हारी आँखों में झाँकने की
तुम तेज़ी से आते हो
और
मेरे नजदीक
अपने होने का
एहसास करा कर
चले जाते हो
मैं कभी कभी सोचता हूँ
यह मेरा
कोई भ्रम तो नहीं
तुम्हारा आस्तित्व
कोई छल तो नहीं
कोई छल तो नहीं
मैं सोचता जाता हूँ
कि तुम नहीं हो
पर तभी
तुम्हारी
एक आहट से
चौंक उठता हूँ
और मेरी सारी सोच
धराशायी हो जाती है
शायद तुम कस्तूरी हो
और मैं मृग
या तो तुम अजीब हो
या मैं ही अजीब हूँ!
bahut khoob ..
ReplyDeleteयही उसकी लीला है…………अपना अहसास भी कराता है और छुप जाता है और इंसान उम्र भर इसी मृगतृष्णा मे घूमता रहता है…………बेहद उम्दा प्रस्तुति।
ReplyDeletewaah... prem hi jane prem ki maaya...
ReplyDeletebahut sundar...
शायद तुम कस्तूरी हो
ReplyDeleteऔर मैं मृग
या तो तुम अजीब हो
या मैं ही अजीब हूँ!
bahut badhiyaa
शायद तुम कस्तूरी हो
ReplyDeleteऔर मैं मृग
या तो तुम अजीब हो
या मैं ही अजीब हूँ!
बहुत सुन्दर रचना..
बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
ReplyDelete...बहुत खूब।
ReplyDeletekyaa baat hai ...
ReplyDeleteबहुत खूब ...।
ReplyDeleteक्या खूब है ये मृग-मरीचिका...
ReplyDeleteटिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.
शायद तुम कस्तूरी हो
ReplyDeleteऔर मैं मृग
या तो तुम अजीब हो
या मैं ही अजीब हूँ!
बेहद उम्दा प्रस्तुति।
बहुत खूब... उम्दा अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteमैं सोचता जाता हूँ / कि तुम नहीं हो / पर तभी / तुम्हारी / एक आहट से /
ReplyDeleteचौंक उठता हूँ / और मेरी सारी सोच / धराशायी हो जाती है
यशवंत जी आपने सुन्दर रचना लिखी है.
बधाई व आभार
प्रभावी अभिव्यक्ति । शुभकामनायें !!!
ReplyDeleteवाह यशवंत भाई वाह| बहुत ही सुंदर कविता| बधाई|
ReplyDeleteबेहतरीन रचना..
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही सुन्दर ।।
ReplyDeleteकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
ReplyDeleteमैं सोचता जाता हूँ
ReplyDeleteकि तुम नहीं हो
पर तभी
तुम्हारी
एक आहट से
चौंक उठता हूँ
और मेरी सारी सोच
धराशायी हो जाती है.......
आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है।
शुभकामनायें।
शायद तुम कस्तूरी हो
ReplyDeleteऔर मैं मृग
या तो तुम अजीब हो
या मैं ही अजीब हूँ!
अजीब दांस्तां है ये.. कहां शुरू कहां खतम.....
aisa hota hai ! bahut sundar abhivyakti !
ReplyDeleteबहुत बहुत खूबसूरत भाव लिए रचना |बधाई
ReplyDeleteआशा
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत - बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी रचना....