सब ने
सब कुछ तो कह दिया
हर रंग बिखेर दिया
मैं भी चाहता हूँ कहना
वही सब दोहराना
हां
मगर अपनी तरह से
सोच रहा हूँ
कुछ मैं भी लिख दूँ.
सब कुछ तो कह दिया
हर रंग बिखेर दिया
मैं भी चाहता हूँ कहना
वही सब दोहराना
हां
मगर अपनी तरह से
सोच रहा हूँ
कुछ मैं भी लिख दूँ.
सब ने
ReplyDeleteसब कुछ तो कह दिया
हर रंग बिखेर दिया
मैं भी चाहता हूँ कहना
वही सब दोहराना
हां
मगर अपनी तरह से
सोच रहा हूँ
कुछ मैं भी लिख दूँ.
सुन्दर कविता.. बेहद कोमल रचना और भाव !
आपको सपरिवार होली पर शुभकामनायें..
likhiye-likhiye... holi sabke liye rangeeli hai...
ReplyDeletedohrana hi to saar hai
ReplyDeleteआपने लिखा.
ReplyDeleteहमने भी पढ़ लिया.
:)
हां
ReplyDeleteमगर अपनी तरह से
सोच रहा हूँ
कुछ मैं भी लिख दूँ.
वाह बहुत बढ़िया ....
बहुत भावमयी रचना...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteक्या बात है...
ReplyDeleteBahut Sundar..
ReplyDeleteइसे लिखा माने या भूमिका.
ReplyDeleteहम तो इंतजार में ही बैठे है। होली की हार्दिक शुभकामनाएॅ।
ReplyDeleteCHALIYE AAP NE BHI KUCHH KAH LIYA...MUJHE KHUSHI HUI...MAN KI BAAT TO ITNI HIN SUNDAR HOTI HAY.
ReplyDeleteये अन्दाज़ भी सुन्दर है…………होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteसुन्दर सोच । होली की हार्दिक शुभकामनाओं सहित...
ReplyDeleteब्लागराग : क्या मैं खुश हो सकता हूँ ?
अरे... रे... आकस्मिक आक्रमण होली का !
होली की शुभ कामनाओं के साथ आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDelete