वो बचपन की होली
दोस्तों संग ठिठोली
वो मस्ती वो उल्लास
वो अबीर वो गुलाल
गुब्बारों की मार
पिचकारी की फुहार
वो गुझियों पर टूट पड़ना
और ठूंस ठूंस कर खाना
बे फ़िक्र होकर घूमना
ठंडाई के लिए लड़ना
और हंसना
भांग के नशे में झूमते
हुडदंगियों को देख कर
वो रंगे पुते चेहरे
जो एहसास कराते
बीस दिनों तक
होली की ताजगी का
याद आते हैं वो दिन
जो अब दुर्लभ हैं
होली अब भी है
पर बेशर्म हुडदंग हैं
और उत्साह
कुछ घंटों का है
क्योंकि
सब व्यस्त हैं
घड़ी की सुइयों से
तेज चलने की
राहें तलाशने में!
आप सभी प्रबुद्ध पाठकों को सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं !
वो बचपन की होली
ReplyDeleteदोस्तों संग ठिठोली
वो मस्ती वो उल्लास
वो अबीर वो गुलाल
गुब्बारों की मार
पिचकारी की फुहार
बचपन में त्योंहारों की अलग की मस्ती होती है..... बहुत सुंदर
रंग पर्व की मंगलकामनाएं
होली अब भी है
ReplyDeleteपर बेशर्म हुडदंग हैं
ekdam sahi .......
होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
ReplyDeleteआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
वो रंगे पुते चेहरे
ReplyDeleteजो एहसास कराते
बीस दिनों तक
होली की ताजगी का.....
रचना में भावाभिव्यक्ति बहुत अच्छी है....बधाई.
होली की हार्दिक शुभकामनाएं !
होली की शुभकामनायें .....हैप्पी होली....
ReplyDeletesab yaad mein hain .... holi ki shubhkamnayen
ReplyDeleteहोली अब भी है
ReplyDeleteपर बेशर्म हुडदंग हैं
और उत्साह
कुछ घंटों का है
क्योंकि
सब व्यस्त हैं
घड़ी की सुइयों से
तेज चलने की
राहें तलाशने में!..
बचपन की होली अब कहाँ है...बहुत सार्थक, भावपूर्ण और सुन्दर प्रस्तुति..होली की शुभकामनायें!
हैप्पी होली भैया .......
ReplyDeleteहोली की अनन्त शुभकामनायें.....
ReplyDeleteरंगों के पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवो बचपन की होली
ReplyDeleteदोस्तों संग ठिठोली.. apne holi se judi har yaad ko hame yaad dila diya... bhut khubsurat kavita hai...
Yashwant ji
ReplyDeletesabse pehle aap saparivaar ko Holi ki hardik subhkanmai.
aapki ye kavita bahut pasand aayi,ab wo pehle jaisa utsah nahi raha,ab to holi ke naam par huddang hi hota hain.
बहुत ही बेहतरीन लिखा है...
ReplyDeleteआपको भी परिवार सहित होली की बहुत-बहुत मुबारकबाद... हार्दिक शुभकामनाएँ!
बचपन में सभी त्यौहारों का मजा आता है....
ReplyDeleteसुंदर भाव
आप सबको होली की शुभकामनाएं...
होली की शुभकामनायें।
ReplyDeleteaapko bhi holi ki hardik shubhkamnaye.......
ReplyDeleteachi lagi rachna .....
आपको एवं आपके परिवार को होली की बहुत मुबारकबाद एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteहोली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteहोली की अनंत शुभकामनाओं के साथ आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन
ReplyDeleteआपको भी परिवार सहित होली की बहुत-बहुत मुबारकबाद... हार्दिक शुभकामनाएँ!
आपकी ये रचना कल नई-पुरानी हलचल पर पोस्ट की जा रही है .... ! आपके सुझाव का इन्तजार रहेगा .... !
ReplyDeleteवो बचपन की होली
ReplyDeleteदोस्तों संग ठिठोली
वो मस्ती वो उल्लास
वो अबीर वो गुलाल
गुब्बारों की मार
पिचकारी की फुहार
वो गुझियों पर टूट पड़ना
रंग बिरंगी यादें ....बहुत सुन्दर
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
होली की रंगीन छटाएं आपके जीवन में हर्ष और उल्लास भर दें
ReplyDeleteसच्ची क्या दिन थे..........
ReplyDeleteसुबह से दिल धड़कता था डर के मारे.....
फिर एक बार जो रंग गए तो खुद शेर हो जाते...........
होली की ढेर सारी शुभकामनाये आपको...
और सुन्दर रचना हेतु बधाई....
सुंदर होली की छटा बिखेरती रचना ... होली की शुभकामनायें
ReplyDeleteहोली की सारी मस्ती याद आ गयी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
होली पर्व कि आपको हार्दिक शुभकामनाएँ ....