फिर आया तूफ़ान
सांय सांय करती
तेज हवा
के साथ
गिरते उखड़ते
पेड़
मानो
नष्ट हो रहा हो
धरती का
नख शिख सौंदर्य !
आँखों में चुभती
उड़ती धूल
के साथ
सब कुछ
अस्त व्यस्त
कुछ पल को
ठहरा सा जीवन
धीमी पड़ती रफ्तार
और -
तूफ़ान के
निकल जाने के बाद
फिर वही दोहराव
फिर वही रफ्तार
कुछ पल ठहरी सोच
कुछ पल का पश्चाताप
तूफ़ान के बाद की
बारिश में
कहीं बह जाता है .
हर बार की तरह
मैं
समझना नहीं चाहता
इन तूफानों के
अर्थ को.
सांय सांय करती
तेज हवा
के साथ
गिरते उखड़ते
पेड़
मानो
नष्ट हो रहा हो
धरती का
नख शिख सौंदर्य !
आँखों में चुभती
उड़ती धूल
के साथ
सब कुछ
अस्त व्यस्त
कुछ पल को
ठहरा सा जीवन
धीमी पड़ती रफ्तार
और -
तूफ़ान के
निकल जाने के बाद
फिर वही दोहराव
फिर वही रफ्तार
कुछ पल ठहरी सोच
कुछ पल का पश्चाताप
तूफ़ान के बाद की
बारिश में
कहीं बह जाता है .
हर बार की तरह
मैं
समझना नहीं चाहता
इन तूफानों के
अर्थ को.
मानो
ReplyDeleteनष्ट हो रहा हो
धरती का
नख शिख सौंदर्य !
असह्य वेदना ....
जीवन समझना...
हर बार की तरह
मैं
समझना नहीं चाहता
इन तूफानों के
अर्थ को.
और फिर आगे बढ़ना ...
सुंदर कविता ...
बधाई आपको ...
तूफ़ान के
ReplyDeleteनिकल जाने के बाद
फिर वही दोहराव
फिर वही रफ्तार
कुछ पल ठहरी सोच
कुछ पल का पश्चाताप
तूफ़ान के बाद की
बारिश में
कहीं बह जाता है .
हर बार की तरह
मैं
समझना नहीं चाहता
इन तूफानों के
अर्थ को.
.......main bhi nahin samajhna chahti
हर बार की तरह
ReplyDeleteमैं
समझना नहीं चाहता
इन तूफानों के
अर्थ को....
हर तूफान के पीछे हमेशा दबाव छुपा होता है ...... बहुत सुन्दर रचना
फिर आया तूफ़ान
ReplyDeleteफिर आया तूफ़ान
सांय सांय करती
तेज हवा
के साथ
गिरते उखड़ते
पेड़
मानो
नष्ट हो रहा हो
धरती का
नख शिख सौंदर्य……. सुन्दर मनो भाव…….बधाई
तूफ़ानो के अर्थ समझ भी कहाँ आते हैं।
ReplyDeleteहर तूफ़ान के बाद शायद हम इंतज़ार करते हैं एक और तूफ़ान का ... सुन्दर कविता !
ReplyDeleteवाह जी बहुत सुंदर
ReplyDeleteबल्ले बल्ले
yashwant ji abhi pichhle dino jo aandhi toofan aaye hain ve aapki kavita se fir se yatharth ho gaye.bahut khoob...
ReplyDeleteफिर आया तूफ़ान
ReplyDeleteफिर आया तूफ़ान
सांय सांय करती
तेज हवा
के साथ
गिरते उखड़ते
पेड़
मानो
नष्ट हो रहा हो
धरती का
नख शिख सौंदर्य
sach me ek pyari see rachna....
prakriti ne sab kuchh diya hai..ek jeevan to ek tuffaan bhi...:)
हर बार की तरह
ReplyDeleteमैं
समझना नहीं चाहता
इन तूफानों के
अर्थ को....
अपने अपने स्वार्थों की आपाधापी में कौन समझना चाहता है तूफानों का अर्थ...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...
tofano ke samay me aapki prastuti sakar swaroop me tufano ko badhne ke liye prerit kar rahi hai.jab koi inka itna sundar varnan karega to kya inko rokna sambhav hoga.bahut sunder.
ReplyDeleteजीवन में आने वाले तूफ़ान रफ़्तार धीमी कर देते हैं लेकिन जीवन आगे चलता रहना चाहिए है..तूफानों की परवाह किये बिना..चलते रहिये
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (28.05.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
हर बार की तरह
ReplyDeleteमैं
समझना नहीं चाहता
इन तूफानों के
अर्थ को....
तूफ़ानो के अर्थ हम समझ भी कहाँ पाते हैं....
ये तूफ़ान हैं, कि फिर से आ जाते हैं....
सुन्दर रचना...
कुछ पल ठहरी सोच
ReplyDeleteकुछ पल का पश्चाताप
तूफ़ान के बाद की
बारिश में
कहीं बह जाता है ...
Reality of our lives !!
उत्तम शब्द संयोजन
ReplyDeleteगहरे भावों की सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDelete---------
हंसते रहो भाई, हंसाने वाला आ गया।
अब क्या दोगे प्यार की परिभाषा?
गुत्थी तो तूफानों के अर्थ समझने के बाद ही सुलझेगी , यूं पलायन से नहीं |
ReplyDeleteनव-निर्माण करने को ,पुरातन को ले जाने को आयी आंधी
ReplyDeleteसतत चलने वाले जीवन की ,याद दिलाने को आयी आंधी
अगर हम से बड़े स्थान नहीं खाली करेंगे ,तब की सोचो
तुम्हारी नयी पीढ़ी की नयी पौध ,कैसे विस्तार पा सकेगी ....
तो प्रिय यशवन्त ,ये सब भी याद दिलाने को आयी आंधी ......
शुभकामनायें.....
गहन अभिव्यक्ति लिए कविता ...उम्दा रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक रचना!
ReplyDeletebhut hi sunder shabdo aur bhaavo ko racha hai apne.. very nice...
ReplyDeleteWell Crafted.
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.
ReplyDeleteतूफ़ान ....मौसम की तरह मानव जीवन का एक शाश्वत सत्य , जो बहुत कुछ विनष्ट करता है और संवारता भी है |
ReplyDeleteभावमयी सुन्दर प्रस्तुति
तूफ़ान, तूफ़ान की तरह आता है और तूफ़ान की तरह ही चला जाता है और इससे पहले कि हम समझ सकें कि क्या हुआ, दुनिया बदल चुकी होती है..
ReplyDeleteसत्य कहा आपने...
आभार
सुख-दुःख के साथी पर आपके विचारों का इंतज़ार है..