मुझे लखनऊ की सौम्या श्रीवास्तव-आयु लगभग 12 वर्ष (सुपुत्री श्रीमती एवं श्री अवधेश श्रीवास्तव जी) जो कक्षा-8 की छात्रा हैं , की फादर्स डे पर कुछ कवितायेँ प्राप्त हुई हैं जिनकी स्कैन कॉपी उन्हीं की हस्तलिपि में यहाँ प्रकाशित कर रहा हूँ.
मुझे पूरा विश्वास है आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद सौम्या को अवश्य प्राप्त होगा-
विशेष बात यह है कि परिवार में इनके अलावा किसी का भी रुझान लेखन की तरफ नहीं रहा है.इस ब्लॉग के माध्यम से मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ.
मुझे पूरा विश्वास है आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद सौम्या को अवश्य प्राप्त होगा-
विशेष बात यह है कि परिवार में इनके अलावा किसी का भी रुझान लेखन की तरफ नहीं रहा है.इस ब्लॉग के माध्यम से मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ.
बिटिया को बहुत बहुत आशीर्वाद ,शुभकामनायें बहुत अच्छे ढंग से अपने पिता के प्रति स्नेह और उनके अस्तित्व को अपनी रचना के माध्यम से प्रस्तुत किया है./इसी तरह अच्छी-अच्छी रचनाएँ वो लिखती रहे बस यही कामना है./
ReplyDeleteशाबाश सौम्या ! आपने बहुत अच्छी कवितायें लिखी हैं ! पापा के लिये आपके मन की भावनाओं का हम भी आदर करते हैं ! पिता बच्चों के जीवन में सच्चे मार्गदर्शक होते हैं ! आपके लिये बहुत सारी शुभकामनायें ! इसी तरह लिखती रहें ! सफलता और कीर्ति शीघ्र ही आपके कदम चूमेगी !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना| धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत सुंदर बालसुलभ भाव लिए रचनाएँ..... सौम्य को बहुत बहुत शुभकामनायें
ReplyDeleteअच्छी शुरुआत है सौम्या विचार बहुत अच्छे है लिखती रहो
ReplyDeleteवाह..बहुत बढ़िया प्रयास ...
ReplyDeleteआप दोनों को शुभकामनायें ...!!
सौम्या का सराहनीय प्रयास ... बधाई और शुभकामनायें ..
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल २३-६ २०११ को यहाँ भी है
ReplyDeleteआज की नयी पुरानी हल चल - चिट्ठाकारों के लिए गीता सार
बहुत सुन्दर...शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ! सौम्या को शुभकामनाएं !
ReplyDeleteबच्चों की हस्तलिपि देखना प्रीतिकर है, अब जब कि हस्तलिपि कम होती जा रही, आभार!
har bacche ke man ke bhav ko somya ne bakhubi likha hain.apne pita ke liye har bacche ke man
ReplyDeletemain yahi bhav hote hain.
somya ne is umar main itni khubsurat kavitayen
rachi hain..aage dekhiyega safalta jarur inke kadam chumegi.bas yahi chah hain hamari.Somya ko
meri blessings.
Yashwant ji aapko thanks ki aapne meri kavita 'Barkha ka mausam'nai purani halchal ke liye li.
प्यारी बिटिया सौम्या की प्यारी प्यारी कविताओं के लिए ख़ूब सारा प्यार
ReplyDeleteसुंदर रचना के लिए सौम्या को बधाई....
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteसौम्या की कवितायेँ दिल को छू लेने वाली हैं...किसी भी पिता के लिए ऐसी बेटी का होना गर्व का विषय है...उसकी कवितायेँ इंगित कर रही हैं के उसका भविष्य बहुत उज्जवल है...उसे शुभकामनाओं के साथ ढेर सा प्यार.
ReplyDeleteनीरज
सौम्या की प्यारी प्यारी कविताओं के लिए ख़ूब सारा प्यार और शुभकामनायें !
ReplyDeleteसौम्य आप बहुत अच्छा लिखती हो और सिर्फ इसके लिए ही नहीं आपकी भावनाएं भी आपके पापा के लिए सराहनीय हैं .बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteएक बात और अपना कार्य में योगदान के लिए यशवंत जी का भी धन्यवाद् अवश्य करना क्योंकि उनका योगदान भी अविस्मरनीय है.
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (27-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
बच्चे की अच्छी मेहनत
ReplyDeleteप्रिय सौम्या आप ने बहुत अच्छा लिखा है.आप के भाव बहुत अच्छे लगे.सराहनीय.
ReplyDeleteऐसे ही लिखती रहें.
bahut sundar kavitayen hain. meri shubhkamnayen
ReplyDeletebhut hi sunder aur pyari kavitaye...
ReplyDeleteसौम्या की कलम तो बहुत सुंदर लिखती है... उसके पापा का दिल तो बाग-बाग हो गया होगा.. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत प्यारी नन्हीं-सी कविताएं....
ReplyDeleteऐसे ही खूब लिखती रहो....
soumya beta aapne bahut sunder likha hai aap apni is pratibha ko khona nhai .padhai ke sath sath sada likhte bhi rahna
ReplyDeleteaashirvad
rachana
itni chhoti si umra me itni achhi kavita likhna wakai kabile tarif hai...
ReplyDeleteall the best for her bright future.