sundar prastuti .
बहुत खूब ... यादों में जीना अच्छा लगता है ...
आज 28 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है ..... ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर ____________________________________
marmsparshi ...gahan abhivyakti ...
Waah kuch n likhne ka kaha aur itni achhi baat kah dee...achha laga yah aandaj...
बहुत बढि़या ...।
वक्त की सुनामी में सबको बह जाना है एक दिन और कैद हो जाना है यादों की कालकोठरी में... जिन्दगी की हकीक़त यही है... भावपूर्ण रचना...
अच्छा लिखा है .....
बहुत बढि़या लिखा है..
bahut hi badhiyaa
बहुत अच्छे ......
hmmmto beh jao na Yashwantintezaar kis baat ka hai :)Naaz
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
Vaah ! vaah ! bahut badhiya
impressive ....
bahut badhiya...sundar abhivyakti.
हृदयस्पर्शी भाव!
बढिया है।------35 किलो का मोबाइल!चोंच में आकाश समा लेने की जिद..
bhaut khub...
लेखनी कभी भी शांत नहीं होनी चाहिए शुभकामनाये
सुंदर ...बहुत सुंदर
bahut sundar !
बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.सादर, डोरोथी.
khubsurat panktiya....
bahut sunder bhav........
कल ,शनिवार (३०-७-११)को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है ,नई -पुराणी हलचल पर ...कृपया अवश्य पधारें...!!
yaade kuchh pal ko baandh deti hai ,kabhi hansati aur kabhi rula bhi deti hai ,ati sundar hai rachna
यादों के गलियारे बहुत कुछ सहेजे होते हैं|
हार्दिक शुभकामनायें।
आपकी पोस्ट की चर्चा सोमवार १/०८/११ को हिंदी ब्लॉगर वीकली {२} के मंच पर की गई है /आप आयें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएँ / हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। कल सोमवार कोब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति....
sundar prastuti .
ReplyDeleteबहुत खूब ... यादों में जीना अच्छा लगता है ...
ReplyDeleteआज 28 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
____________________________________
marmsparshi ...gahan abhivyakti ...
ReplyDeleteWaah kuch n likhne ka kaha aur itni achhi baat kah dee...achha laga yah aandaj...
ReplyDeleteबहुत बढि़या ...।
ReplyDeleteवक्त की सुनामी में सबको बह जाना है एक दिन और कैद हो जाना है यादों की कालकोठरी में... जिन्दगी की हकीक़त यही है... भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteअच्छा लिखा है .....
ReplyDeleteबहुत बढि़या लिखा है..
ReplyDeletebahut hi badhiyaa
ReplyDeleteबहुत अच्छे ......
ReplyDeletehmmm
ReplyDeleteto beh jao na Yashwant
intezaar kis baat ka hai :)
Naaz
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
ReplyDeleteVaah ! vaah ! bahut badhiya
ReplyDeleteimpressive ....
ReplyDeletebahut badhiya...sundar abhivyakti.
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी भाव!
ReplyDeleteबढिया है।
ReplyDelete------
35 किलो का मोबाइल!
चोंच में आकाश समा लेने की जिद..
bhaut khub...
ReplyDeleteलेखनी कभी भी शांत नहीं होनी चाहिए शुभकामनाये
ReplyDeleteसुंदर ...बहुत सुंदर
ReplyDeletebahut sundar !
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
khubsurat panktiya....
ReplyDeletebahut sunder bhav........
ReplyDeleteकल ,शनिवार (३०-७-११)को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है ,नई -पुराणी हलचल पर ...कृपया अवश्य पधारें...!!
ReplyDeleteyaade kuchh pal ko baandh deti hai ,kabhi hansati aur kabhi rula bhi deti hai ,ati sundar hai rachna
ReplyDeleteयादों के गलियारे बहुत कुछ सहेजे होते हैं|
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा सोमवार १/०८/११ को हिंदी ब्लॉगर वीकली {२} के मंच पर की गई है /आप आयें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएँ / हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। कल सोमवार को
ReplyDeleteब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति....
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