एक दिन के सिद्दांत
एक दिन के आदर्श
एक दिन का सत्य
एक दिन की अहिंसा
एक दिन खादी
एक दिन की श्रद्धा
एक दिन का स्मरण
आपके भजनों का
आपके त्याग का
सादगी का
विचारों का
एक दिन का
नख शिख अनुसरण
आपका
और बाकी दिन?
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
सिर्फ वाद.. सिर्फ वाह.. सिर्फ टोपी और सिर्फ टोपी . यही तो है bapu के बाकी दिन
ReplyDeleteएक दिन, वो भी दिखावा मात्र ....
ReplyDeleteपर एक खुशी है कि गांधी की प्रासंगिकता ख़त्म नहीं हुई ...
बापू हमेशा आदर्श बने रहेंगे ...
बाकी दीन वही दिखावटी श्रधा
ReplyDeleteऔर दिखावटी आदर्श !!
Beautifully written !!
सादगी का
ReplyDeleteविचारों का
एक दिन का
नख शिख अनुसरण
आपका
और बाकी दिन?
वाह..क्या खूब ...कटाक्ष किया है...
sach mein aaj yahi ekdini bukhar sa jagah-jagah chha jaata hai aur phir wahi dhaak ke teen paat...
ReplyDeletebahut badiya kataksh....
Gandhi jayanti kee haardik shubhkamnayen!
बहुत खूब कहा है आपने...
ReplyDeleteसिर्फ एक दिन बापू को याद करने से क्या होगा
हमें तो हर रोज उनके आदर्शो का पालन करना चाहिए
वाह! बहुत सार्थक तीखा प्रश्न... भेद गयी अंतस...
ReplyDeleteसादर...
बहुत सुन्दर ..सही प्रश्न उठाया ..सिर्फ एक दिन बापू को याद करने से क्या होगा ...इस दिखावे से कुछ नहीं होगा..सार्थक रचना...
ReplyDeleteसार्थक प्रश्न करती हुई सटीक प्रस्तुति ..
ReplyDeleteसटीक रचना....
ReplyDeleteशुभकामनाएं||
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया ||
बधाई |
बाकी दिन इसे भुनायेंगे...
ReplyDeleteएक दिन भी यदि दिल से स्मरण किया हो तो शेष दिन भी उसकी सुगंध हमें घेरे रहेगी...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबापू को नमन
ReplyDeletebehtreen prstuti....
ReplyDeleteएक दिन राम का बाकी रावण का ... सुन्दर कविता !
ReplyDeletewaah... sahi hamne unhe sirf ek din hi to de rakha hai... parantu aap baaki dino ki baat mat kijiye, ye insaan aapko sab gina dega...
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही अच्छी बात कही है आपने ।
ReplyDeletesach hai aur baki din?bahut hi acchi post
ReplyDeletegandhi jayanti par ye bhent sundar hai.
ReplyDeleteऔर बाकी दिन?
ReplyDeleteबहुत बढ़िया शब्द चुने....
तान चदरिया सोये रहो..
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल शनिवार .. 04-02 -20 12 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचलपर ..... .
कृपया पधारें ...आभार .
बाकी दिन ??????
ReplyDeleteजनता का शोषण
अच्छी प्रस्तुति
बाकी दिन ??????
ReplyDeleteजनता का शोषण
अच्छी प्रस्तुति
बाकी दिन ?
ReplyDeleteजनता का शोषण
अच्छी रचना