आज प्रस्तुत हैं मेरी मम्मी की लिखी यह पंक्तियाँ --
सम से समता
निज से निजता
एक से एकता
लघु से लघुता
प्रभु से प्रभुता
मानव से मानवता
दानव से दानवता
सुंदर से सुंदरता
जड़ से जड़ता
छल से छलता
जल से जलता
दृढ़ से दृढ़ता
ठग से ठगता
कर्म से कर्मठता
दीन से दीनता
चंचल से चंचलता
कठोर से कठोरता
समझ से समझता
खेल से खेलता
पढ़ से पढ़ता
इस का विधाता
से रिश्ता होता
ये दिल जानता
ये गहरा नाता
गर समझना आता
अपना सब लगता
मन हमारा मानता
दर्द न होता
जग अपना होता
विधाता का करता
गुणगान शीश झुकाता
मानवधर्म का मानवता
से सर्वोत्तम रिश्ता
सेवा प्रार्थना होता
सबसे अच्छा होता
ये गहरा रिश्ता
अगर सबने होता
समझा ये नाता
दिलों मे होता
रामकृष्ण गर बसता
संसार सुंदर होता
झगड़ा न होता
विषमता से समता
आ गया होता
विधाता से निकटता
तब हो जाता
जग तुमसा होता
जय भू माता!
मानवधर्म का मानवता
ReplyDeleteसे सर्वोत्तम रिश्ता
सेवा प्रार्थना होता
सबसे अच्छा होता
ये गहरा रिश्ता
बेहद सुंदर पंक्तियाँ ...
सुन्दर और अनूठी रचना ...
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
हमारी सारी समस्याएं हमारी खुद की पैदा की हुई हैं। समाधान भी हमें ही ढूंढना होगा।
ReplyDeleteFantastic... really adorable !
ReplyDeleteरचना चर्चा-मंच पर, शोभित सब उत्कृष्ट |
ReplyDeleteसंग में परिचय-श्रृंखला, करती हैं आकृष्ट |
शुक्रवारीय चर्चा मंच
http://charchamanch.blogspot.com/
सरल , सुन्दर रचना के लिए पूनम जी को बधाई.
ReplyDeleteसरल और सहज शब्दों में गहन भाव लिये सार्थक अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteकुछ अलग हटकर लगा........शुभकामनायें|
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, सरल और बेमिसाल रचना है...
ReplyDeleteखुबसूरत और लाजबाब .....बेहतरीन पंक्तियाँ
ReplyDeleteसदा जी की बात से सहमत सरल सुंदर भाव लिए सार्थक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसरल शब्दों में आत्मविभोर कर देने वाली रचना.
ReplyDeleteयशवंत भाई आप को तो काव्य विरासत में मिला है| आप की माता जी को इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई |
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शाश्वत प्रस्तुति ...
ReplyDeleteबेहद सुंदर पंक्तियाँ ........शुभकामनायें
ReplyDeleteसटीक है ..
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति !!
arey waah... Aunty ji ko namastey kahiyega...
ReplyDeleten lines bahut hi sundar... bas inhi panktiyon jaisa aashirwaad ham bacchon par banae rakhen...
bahut sundar....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, सरल और अनूठी रचना ...यशवंत लगता है तुम्हे लिखने का हूनर विरासत में मिला है| पूनम जी को इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई |...
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeletesuperb !
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