उस वक़्त की तलाश मे हूँ
जिस वक़्त -
वक़्त तलाश लेगा
खुद को
किसी मानव रूप मे
और
उसकी उंगली पकड़ कर
मैं चलने की
कोशिश करूंगा
आगे की ओर
भूल कर
अपने
पिछले कदमों के निशां !
जिस वक़्त -
वक़्त तलाश लेगा
खुद को
किसी मानव रूप मे
और
उसकी उंगली पकड़ कर
मैं चलने की
कोशिश करूंगा
आगे की ओर
भूल कर
अपने
पिछले कदमों के निशां !
bahut khoob...
ReplyDelete"पर...
जबवक़्त बन जायेगा इंसान
तब...
उसे भी सुनने होंगे कटाक्ष
सुन्नी होगीं रुस्वाइयां
सहना होगा बेवफा कहे जाने का दर्द
और न जाने कितनी शिकायतें
सिर्फ
ज़रा-सा बदल जाने पर ..."
बहुत ही सुन्दर तलाश ...........
ReplyDeleteवही वक़्त अग्रसर है ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति.....वक़्त सुनेगा तो ठहर ही जायेगा.....
ReplyDeleteवो तलाश हमारी ही हैं...हमें ही तलाशना हैं अपने भीतर छुपे रत्नों को.
ReplyDeleteतलाश ज़रूर पूरी होगी...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर तलाश है .....जरूर पूरी होगी...शुभकामनाएँ..
ReplyDeleteनिरंतर आगे की ओर अग्रसर हों!
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं..
ReplyDeleteSundar...
ReplyDeleteआशा जगाती हुई सुन्दर रचना
ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति यशवंत शुभकामनाएं
ReplyDeleteमैं चलने की
ReplyDeleteकोशिश करूंगा
आगे की ओर
भूल कर
अपने
पिछले कदमों के निशां !
पिछला भूलना ही चाहिए .. आगे बढने के लिए !!
वाह जी सुंदर
ReplyDeleteयक़ीनन अगला कदम खुबसूरत होगा.
ReplyDeleteकाश! वक़्त की ये तलाश जल्दी पूरी हो..... बहुत ही अच्छी पंक्तिया.....
ReplyDeleteWell written..!!
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति है आपकी यशवंत जी.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आप आये अच्छा लगा.
आपके विचार जानकर और भी अच्छा लगता.
बहुत बहुत आभार.
जिस वक़्त -
ReplyDeleteवक़्त तलाश लेगा
खुद को
किसी मानव रूप मे ...
जाने फिर वक़्त कैसा इन्सान हो
हमारी उंगली थामेगा
हमारे साथ चलेगा
या हमें पीछे छोड़
आगे निकल जायेगा...
ये तो सब वक़्त ही बताएगा...
बहुत अच्छी पंक्तिया.....
सुंदर ख्याल...
ReplyDeleteसादर बधाई...
वक़्त का अच्छा बिम्ब प्रस्तुत किया है.बधाई.
ReplyDeleteबहुत बढि़या ।
ReplyDeleteवाह ........बहुत खुबसूरत अहसास|
ReplyDeleteसकारात्मक सन्देशप्रधान रचना!
ReplyDeleteवो वक्त बस आने ही वाला है ....... शुभकामनायें !
ReplyDeleteसटीक अभिव्यक्ति कविता अच्छी लगी ।
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावयुक्त कविता... आगे ही आगे जाता है वक्त...
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति.
ReplyDelete