(इस टाइमपास पोस्ट की शुरू की आठ लाइने फेसबुक स्टेटस मे देने के लिए लिखी थी लेकिन बढ़ते बढ़ते यह इस ब्लॉग की 250 वीं पोस्ट बन कर यहाँ प्रस्तुत हैं। )
दुनिया गोल है
हम जहां से चलते हैं
वापस वहीं पर आना ही होता है
ठीक वैसे ही
जैसे दिन की शुरुआत
फेसबुक और ब्लॉग से होती है
और दिन का अंत भी
इसी को देखते हुए होता है
मन भटकता है कभी कभी
कुछ सोच कुछ ख्याल
की बोर्ड की
कभी मंथर कभी तेज़ गति से
स्क्रीन पर उतर आते हैं
स्याही से-
कागज़ के गंदे होने का
डायरी के भरने का
किसी काट पीट
ओवर राइटिंग का
कोई झंझट ही नहीं
सब कुछ साफ -
बेदाग सा नज़र आता है
लेकिन जब
होने लगता है
पलकों मे दर्द
चटकती हैं उँगलियाँ
चैट पर-
किसी के हैलो लिखते ही
वो थकान भी दूर हो जाती है
नए सिरे से ऊर्जा
और गति मिल जाती है
की बोर्ड को
ठीक वैसे ही
जैसे दिन की शुरुआत के समय थी
फेसबुक और ब्लॉग पर ।
आखिर दुनिया गोल जो है :)
दुनिया गोल है
हम जहां से चलते हैं
वापस वहीं पर आना ही होता है
ठीक वैसे ही
जैसे दिन की शुरुआत
फेसबुक और ब्लॉग से होती है
और दिन का अंत भी
इसी को देखते हुए होता है
मन भटकता है कभी कभी
कुछ सोच कुछ ख्याल
की बोर्ड की
कभी मंथर कभी तेज़ गति से
स्क्रीन पर उतर आते हैं
स्याही से-
कागज़ के गंदे होने का
डायरी के भरने का
किसी काट पीट
ओवर राइटिंग का
कोई झंझट ही नहीं
सब कुछ साफ -
बेदाग सा नज़र आता है
लेकिन जब
होने लगता है
पलकों मे दर्द
चटकती हैं उँगलियाँ
चैट पर-
किसी के हैलो लिखते ही
वो थकान भी दूर हो जाती है
नए सिरे से ऊर्जा
और गति मिल जाती है
की बोर्ड को
ठीक वैसे ही
जैसे दिन की शुरुआत के समय थी
फेसबुक और ब्लॉग पर ।
आखिर दुनिया गोल जो है :)
सही कहा आपने अब तो दिन की शुरुआत ऐसे ही होती है ये भी एक नशा सा हो गया है :-))
ReplyDeleteआखिर दुनिया गोल जो है ...
ReplyDeleteबहुत सही ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
कल 02/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।
ReplyDeleteधन्यवाद!
:):) वाकयी दुनिया गोल है ..
ReplyDeleteचैट पर-
ReplyDeleteकिसी के हैलो लिखते ही
वो थकान भी दूर हो जाती है
नए सिरे से ऊर्जा
और गति मिल जाती है
की बोर्ड को
ठीक वैसे ही
जैसे दिन की शुरुआत के समय थी
फेसबुक और ब्लॉग पर ।
आखिर दुनिया गोल जो है :)
सही है !!
सही कहा आपने दुनिया गोल है ...
ReplyDeleteयशवंत कुछ नयी तरह से कहने का प्रयास अच्छा है प्रसंसनीय बधाई
ReplyDeleteha ha ....yh baat to bahut se sach haibhai chhat की बधाई
ReplyDeleteस्याही से-
ReplyDeleteकागज़ के गंदे होने का
डायरी के भरने का
किसी काट पीट
ओवर राइटिंग का
कोई झंझट ही नहीं
सब कुछ साफ -
बेदाग सा नज़र आता है
स्याही से कागज गंदा होता है क्या.... यह तो कागज की किस्मत है कि वह पुडिया बनाने के काम नहीं आया किसी के दिल की धडकनों को अपने सीने पर संजोने के काम आया...
पलकों मे दर्द
ReplyDeleteचटकती हैं उँगलियाँ
चैट पर-
किसी के हैलो लिखते ही
वो थकान भी दूर हो जाती है
नए सिरे से ऊर्जा
हमें ,आपको या सभी को
ठीक वैसे ही
जैसे दिन की शुरुआत के समय थी
बिलकुल सही.... :)
सच कहा .वाकयी दुनिया गोल है ..250वी पोस्ट के लिए बधाई...
ReplyDeleteक्या बात है, बहुत सुंदर
ReplyDeleteIs baar aapki kalam kaiyon ke bhaavon ko bayan kar rahi hai...
ReplyDeletesundar...
www.poeticprakash.com
सचमुच बहुत ही बैज्ञानिक तर्क ! badhayi
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteछठपूजा की शुभकामनाएँ!
250th pots ke liye congratulations...
ReplyDeleten then ye post bhi har post ki tarah bahut hi acchhi hai...
aur to duniya gol hi hai aur hamesh agol hi rahegi...
बिलकुल सही कहा!
ReplyDelete250वी पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई......
ReplyDeleteआखिर दुनिया गोल जो है ... :)बहुत सुंदर .....
ReplyDeleteसच में दुनिया गोल ही है |कहीं न कहीं बहुत समय बाद भी लोग मिल ही जाते हैं |अच्छी प्रस्तुति |
ReplyDeleteआशा
chaliye duniya gol hai.....aapne badi sunderta se sidh kar diya.
ReplyDeleteभाई यशवंत जी बहुत सुन्दर कविता के लिए और मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बधाई और आभार एक साथ
ReplyDeleteदुनिया सच में गोल है ... और चेट से दुबारा उर्जा आ जाती है .. दोनों बातें सच हैं बिलकुल ...
ReplyDeleteवाकई में दुनिया गोल है जहां से चलो वहीं पहुच जाते है..सुंदर पोस्ट..मेरी नई रचना देखे...
ReplyDeleteaapne to sabhi ke man ki baat kahdi is nazar se to sahi main duniya gol hee hai badhiya apni si lagi aapki yh post abhaar...
ReplyDelete.250वी पोस्ट के लिए बधाई...
ReplyDeleteबढ़िया कविता... २५०वि पोस्ट के लिए बधाई...
ReplyDelete•आपकी किसी पोस्ट की हलचल है ...कल शनिवार (५-११-११)को nayi-purani halchal par ...कृपया अपने अमूल्य विचार ज़रूर दें .....!!!धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteसुन्दर... 250वी पोस्ट के लिए बधाई...
ReplyDeleteसादर...
आखिर दुनिया गोल जो है..पूरी कविता को समझा गए ये शब्द रचना
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDelete250वी पोस्ट के लिए बधाई!
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