17 मार्च 2011 को लिखी गयी यह पंक्तियाँ ड्राफ्ट की कैद से आज़ाद हो कर अब आपके सामने हैं-
वो कहते हैं
भूल जाओ जन को
क्या होगा
उनकी
आवाज़ बन कर
तुम जिन को
सुनाना चाहते हो
और जिन की
कहना चाहते हो
वो नहीं सुन रहे
तुम्हारी
उलटे हंस रहे हैं
तुम्हारे
बड़बोलेपन पर
तुम्हारी सोच पर
शायद एक
नवीन सोच!
माना कि
सार्थक है
माना कि
परिवर्तन हो सकता है
किन्तु कैसे ?
मैं कहता हूँ
परिवर्तन हो सकता है
हो कर रहेगा
यदि
मैं चाहूँ तो
यदि
तुम चाहो तो
यदि
हम चाहें तो
कोई माने
न माने
तुम मानो
न मानो
अगर यह
बड़बोलापन है
तो मैं बोलूँगा
बोलता रहूँगा
कोई एक तो होगा
इस भीड़ में
मुझ को सुनने वाला
समझने वाला
मेरी राहों पर
मेरे साथ चलने वाला
एक एक करके
बन जाएगा रेला
देर से ही सही
मेरी बात पहुंचेगी
सबके कानों तक
और तब
तुम भी आओगे
मेरा हाथ थामने
सहगामी बनने
स्वीकारोगे
परिवर्तन को
जो हो चुकेगा
तब तक.
वो कहते हैं
भूल जाओ जन को
क्या होगा
उनकी
आवाज़ बन कर
तुम जिन को
सुनाना चाहते हो
और जिन की
कहना चाहते हो
वो नहीं सुन रहे
तुम्हारी
उलटे हंस रहे हैं
तुम्हारे
बड़बोलेपन पर
तुम्हारी सोच पर
शायद एक
नवीन सोच!
माना कि
सार्थक है
माना कि
परिवर्तन हो सकता है
किन्तु कैसे ?
मैं कहता हूँ
परिवर्तन हो सकता है
हो कर रहेगा
यदि
मैं चाहूँ तो
यदि
तुम चाहो तो
यदि
हम चाहें तो
कोई माने
न माने
तुम मानो
न मानो
अगर यह
बड़बोलापन है
तो मैं बोलूँगा
बोलता रहूँगा
कोई एक तो होगा
इस भीड़ में
मुझ को सुनने वाला
समझने वाला
मेरी राहों पर
मेरे साथ चलने वाला
एक एक करके
बन जाएगा रेला
देर से ही सही
मेरी बात पहुंचेगी
सबके कानों तक
और तब
तुम भी आओगे
मेरा हाथ थामने
सहगामी बनने
स्वीकारोगे
परिवर्तन को
जो हो चुकेगा
तब तक.
बहुत सुंदर .... सकारात्मक भाव लिए रचना
ReplyDeleteवाह ...बहुत बढि़या।
ReplyDeleteबिल्कुल, परिवर्तन होकर रहेगा
ReplyDeleteमगर सबको चाहना होगा।
अच्छी रचना
ऐसा ही होता है चलना पहले अकेले ही पडता है जब सफ़लता कदम चूमती है तो सब साथ आ जाते हैं…………सुन्दर ख्यालो को शब्द दिये हैं।
ReplyDeleteपरिवर्तन तो हर पल होता है .. सकारत्मक सोच लिए अच्छी रचना
ReplyDeleteड्राफ्ट की कैद से आजाद कविता वाकई आजादी का हक रखती है... आशाओं के दीप जलाती परिवर्तनों की हवा उड़ाती इस सुंदर रचना के लिये बधाई!
ReplyDeleteआप जैसे युवाओं में ऐसी जोशीली सोच एक रोशन भविष्य की झिलमिलाहट है !
ReplyDeleteये भी परिवर्तन ही है ड्राफ्ट की कैद से कविता को आजाद करना
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति......यशवंत भाई
यशवंत जी,..
ReplyDeleteकारवां बन जायेगा,आप चलते चले बस जाइये
मंजिल मिलेगी इक दिन जरूर आप बढते जाइये,..
सकारात्मक सोच की बहुत अच्छी रचना..बधाई
मेरे नए पोस्ट में आपका इंतजार है,.....
बस चाहने की देर है... एक होने की ज़रूरत है
ReplyDeletesahi hai bahut hee accha aur saarthak likha hai aapne :-)parivatn hee prakrti ka niyam hai ...
ReplyDeleteबिल्कुल, परिवर्तन होकर रहेगा
ReplyDeleteपहल तो करनी ही होगी...सुन्दर भाव
परिवर्तन ही जीवन का रहस्य है.. सकारत्मक सोच लिए अच्छी रचना
ReplyDeleteकोई एक तो होगा
ReplyDeleteइस भीड़ में
मुझ को सुनने वाला
समझने वाला
मेरी राहों पर
मेरे साथ चलने वाला
एक एक करके
बन जाएगा रेला
देर से ही सही
मेरी बात पहुंचेगी
सबके कानों तक.....
बिल्कुल, परिवर्तन होकर रहेगा....!!
parivartan to prakriti naiyam hai ye to hona hi hai...
ReplyDeletebahut accha sandesh deti rachana...
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 08 -12 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचल में आज... अजब पागल सी लडकी है .
परिवर्तन की प्रक्रिया से ऐसे ही गुज़रना होगा. बहुत खूब.
ReplyDeleteअच्छी सकारात्मक प्रस्तुति है.
ReplyDeleteसंगीता जी की हलचल का नायाब रतन.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
कई दफा आपके ब्लॉग पर आ चुका हूँ.
मेरे ब्लॉग पर आपके दर्शनों की अपेक्षा है .
बहुत सकारात्मक भाव ........ शुभकामनाएं !
ReplyDeleteबहुत खूब.......शानदार पोस्ट........
ReplyDeleteमैं अकेला ही चला था कू-ए-मंजिल
लोग आते गए कारवां बनता गया
बहुत बढिया
ReplyDeleteशब्दों मे बड़ी ताकत होती है ....सार्थक सोच आभार
परिवर्तन का फल भोगने वाले बहुत होते हैं। पर असली मज़ा तो परिवर्तन का हिस्सा बनने में है।
ReplyDeleteसच में सोच लेने की देर है.....सशक्त और प्रभावशाली रचना.....
ReplyDeleteसमय निश्चित है हर चीज़ के प्राकट्य का... आज ही लिखा होगा इस कविता का प्रकाश में आना... और शायद पूर्वनिश्चित होगा आज यहाँ तक मेरा पहुंचना! सुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteपरिवर्तन हर दौर में होता है .......पर उसे अपनाना उतना ही मुश्किल होता हैं
ReplyDeleteआशावादी सोच के साथ बहुत ही बेहतरीन कविता ! आज के युवा ऐसी ही सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो निश्चित ही परिवर्तन आएगा और बहुत कुछ संवर जायेगा !
ReplyDeletevery inspiring n optimistic approach
ReplyDeleteloved the flow n mood in those lines
Awesome read as ever !!
parivartan awashyambhavi hai... parivartan ke saath khud bhi parivartantit ho jayein to sab asan ho jayega varna aap peechae reh jaogae or zamana agae badh jayega..
ReplyDeletefursat ke kuch pal mere blog ke saath bhi bitaiye...achha lagega..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeletesundar kavita
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