कहते हैं खाली दिमाग शैतान का घर होता है और जब शैतान सिर पर सवार हो जाए तो बचना मुश्किल होता है। इसी मनः स्थिति मे लिखी गयी बे सिर पैर की यह पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं--
एक शब्द
जो अक्सर
रह रह कर
आता रहता है
जुबां पर
कभी जाने
कभी अनजाने
हर देश, काल
परिस्थिति मे
सिद्ध करता हुआ
अपनी सार्वभौमिकता
उम्र और रिश्तों के
शिष्टाचार को तोड़ता हुआ
हर बंधन से स्वतंत्र
हर प्रतिक्रिया की
क्रिया में
अदृश्य रूप मे सदृश्य
कभी कारण
कभी अकारण
उस एक शब्द को
जिसे चाहता है
हर खास ओ आम
कहलाता है
तकिया कलाम :)
एक शब्द
जो अक्सर
रह रह कर
आता रहता है
जुबां पर
कभी जाने
कभी अनजाने
हर देश, काल
परिस्थिति मे
सिद्ध करता हुआ
अपनी सार्वभौमिकता
उम्र और रिश्तों के
शिष्टाचार को तोड़ता हुआ
हर बंधन से स्वतंत्र
हर प्रतिक्रिया की
क्रिया में
अदृश्य रूप मे सदृश्य
कभी कारण
कभी अकारण
उस एक शब्द को
जिसे चाहता है
हर खास ओ आम
कहलाता है
तकिया कलाम :)
:-) वाह...
ReplyDeleteना जाने कितने तकिये कलाम ज़ेहन में आ गए.
bahut rochak hai bina sir pair ki nahi kah sakte.
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDelete:-) सही है ...
ReplyDeleteलगता है बेसिर , पर यह मुझे झंझावात लगता है ... जाने क्यूँ !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteबस ऐसा समझें की कई बार यूँ भी होता है.....!!
ReplyDeletebahut hi acchi , ruchikar rachana hai...
ReplyDeletetrue... takiya kalam well expresed !!
ReplyDeleteयश्वंस्त बेसिर पैर की पंक्तियों में भी कुछ असर तो होता ही है पर यहाँ तो तकिया कलाम निकल आया
ReplyDelete:)
ReplyDeleteBeautifully expressed ...
ReplyDeletebahut achchha topic....
ReplyDeleteaur usase achchhe shabdon mein shadha hai...
कल १७-१२-२०११ को आपकी कोई पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बिलकुल....:)))
ReplyDeleteतकिया कलाम
ReplyDeleteWaaaah... :):)
हाँ नहीं तो ........तकिया कलम का उदाहरण :-)
ReplyDeleteबहुत बढि़या :)
ReplyDeleteसच कहा ,बहुत सुन्दर...
ReplyDeletehahaha Bhai wah!!!
ReplyDeleteApko Salaam jo likha apne Takiya Kalaam!!!
:))
ReplyDeleteतकिया कलाम.. बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteवो क्या कहते हैं........
ReplyDeleteकोई शक़ .........
खामोश.........
कसम से........
तमाम........
याने कि........
तकिया कलाम
आपकी बेसिर पैर की पंक्तियाँ तो काम की लग रही हैं.......
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...
ReplyDeleteयशवंत जी आपको सलाम
ReplyDeleteसुंदर लगा तकिया कलाम..!!!!!!!!बहुत सुंदर पोस्ट मेरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
sabkaa apnaa apnaa takiya-kalaam. bahut sundar shabd-bhaav, badhai.
ReplyDeleteकाफी गहरी अभिव्यक्ति है ....
ReplyDeleteyun hi likhi gayee ye kavita to bahut sundar hai
ReplyDeleteachhi aur sargarbhit v vyaktitva ko paribhashit karti post thanx
ReplyDeleteachhi aur sargarbhit v vyaktitva ko paribhashit karti post thanx
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबिल्कुल सही
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