प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

20 January 2012

खुशहाली ,चोट और चोर ......(मम्मी की 2 नयी कविताएं)

आज एक बार पुनः पढ़िये मम्मी की 2 नवीनतम कविताएं ---
 




खुशहाली  
हाथ खाली,पेट खाली,थाली खाली।
जेब खाली,आना खाली,जाना खाली।
फिर क्यों करते हो गैरों की दलाली।
फिर क्यों करते हो चोरों की रखवाली।
क्यों नहीं लाते हो भारत मे खुशहाली। ।

*

चोट और चोर

चोट भीतर घाव करता है,
चोर बाहर घाव करता है।

चोट का निशान मिटा नहीं करता है,
चोर दगाबाजी करता है।

चोट समय-समय पर दर्द दिया करता है,
चोर समय-समय पर माल उड़ाया करता है। ।

(पूनम माथुर)

44 comments:

  1. दोनो ही रचनाएं बहुत अच्‍छी लगी ...आभार

    ReplyDelete
  2. दोनो ही कविताएँ सुन्दर और सटीक भावो से ओत-प्रोत है..उनकी लेखनी को नमन..

    ReplyDelete
  3. क्या बात है...दोनो ही रचनाएं बढ़िया लगी मम्मी जी प्रणाम कहिएगा....यशवंत भाई

    ReplyDelete
  4. माँ बहुत अच्छा लिखती हैं ... मैं कल्पना करती हूँ उनके बारे में ... उनका ब्लॉग बनाओ यशवंत

    ReplyDelete
    Replies
    1. आंटी ! आपका संदेश मम्मी तक पहुंचा दिया है।

      Delete
  5. aap ki mummy ke hi gun aap me aaye hai :) tab hi aap bhi un ki tarh umda likhte hai,aap ki mummy ko bdhai dijiyega,bahut acha likhti hai wo...

    ReplyDelete
  6. बहुत बढ़िया...
    convey my wishes and regards to her.

    ReplyDelete
  7. bahut accha likha hai yashvantji.......

    ReplyDelete
  8. very nice yashvant ji tell her to write more...........

    ReplyDelete
  9. अच्छी रचना , प्रभावशाली बात

    ReplyDelete
  10. बहुत सुन्दर और प्रभावी रचनाएँ...

    ReplyDelete
  11. माता जी की दोनों कवितायेँ बेहतरीन हैं... रश्मि जी के आदेशानुसार उनका अलग ब्लॉग बनाइये...

    ReplyDelete
    Replies
    1. ज़रूर सर! आपका यह संदेश मम्मी तक पहुंचा दिया है।

      Delete
  12. 'चोरों' पर अच्छी चोट की है बहन ने. पर ये चोर सुधरते ही नहीं.

    ReplyDelete
  13. अपनी माताजी की रचनाओं को सम्मान देकर एक अच्छा काम किया है ..
    दोनों ही कवितायें ज़िन्दगी का सच बयान करती हैं..
    kalamdaan.blogspot.com

    ReplyDelete
  14. सटीक सार्थक प्रस्तुति,बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन...
    new post...वाह रे मंहगाई...

    ReplyDelete
  15. बढ़िया रचनाएँ ... गहन भाव लिए हुए .

    ReplyDelete
  16. अच्‍छी रचना।
    व्‍यवस्‍था पर करारी चोट।
    आपकी मम्‍मी जी को प्रणाम।

    ReplyDelete
  17. दोनों ही रचनाएँ बहुत सुंदर हैं......

    ReplyDelete
  18. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

    ReplyDelete
  19. अच्छी भावपूर्ण रचनाएँ |सुन्दर शब्द चयन |
    आशा

    ReplyDelete
  20. सुन्दर अभिव्यक्ति.

    ReplyDelete
  21. बहुत बढ़िया रचना पढवाने के लिए आभार..

    ReplyDelete
  22. बहुत बढ़िया रचना !
    आभार !

    ReplyDelete
  23. वाह,बहुत अच्छा लिखा है !

    ReplyDelete
  24. आंटी जी ने बहुत अच्छा लिखा है ...
    उन्हें प्रणाम कहिये...

    ReplyDelete
  25. दोनों ही रचनाएँ,गहनता पूर्ण हैं।

    ReplyDelete
  26. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

    ReplyDelete
  27. बहुत सुन्दर प्रस्तुति |

    ReplyDelete
  28. Yashwant ji
    aapki mummy ji ki likhi dono kavitain bahut sundar hain.
    aapki mataji ko mera pranaam.

    ReplyDelete
  29. वाह बेहद प्रभावशाली ...सटीक

    ReplyDelete
  30. चोर तो सदियों से चोट देते आए हैं। बाहरी चोट तो ठीक हो जाती है मगर दगाबाजी भुलाए नहीं भूलती।
    मम्मी को नमन ।

    ReplyDelete
  31. bahut khoob
    shaandar rachnaaye

    ReplyDelete
  32. दोनों ही रचनाएँ सार्थक सन्देश दे रही हैं। धन्यवाद।

    ReplyDelete
  33. doni hi rachnayen shikshaprad aur jiwan anubhav se paripurn hain..

    ReplyDelete
  34. समसामयिक सुन्दर कविता ! बधाई

    ReplyDelete
  35. आपके इस उत्‍कृष्‍ठ प्रस्‍तुति का आभार ।

    ReplyDelete
  36. दोनो ही कविताएँ बहुत सुन्दर है..उनका बहुत -बहुत आभार...

    ReplyDelete
  37. बहुत सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचना,..
    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

    ReplyDelete
  38. दोनों बेहतरीन रचनाये हैं ... सार्थक सटीक ...

    ReplyDelete
  39. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

    ReplyDelete
  40. बहुत ही सुन्दर.......सराहनीय.....
    कृपया इसे भी पढ़े-
    नेता, कुत्ता और वेश्या

    ReplyDelete
+Get Now!