कुछ किस्सों कहानियों में
फिल्मों में
प्रेम और वियोग की
कविताओं में
कहीं कोई मिलता है
कोई बिछड़ता है
सुखांत और दुखांत में
कुछ पल आते ही हैं
एकांत के
काफिला बनता है
नायक चलता है
अपनी राह
संघर्ष और अंतर्द्वंद
साथ चलते हैं
बिखरते हैं
जो भी हो
अस्तित्व एक का ही होता है
नायक या तो जीता है
या हो जाता है कुर्बान
धारा एक ही होती है
विचारों की
बस बदलते हैं चित्र
और दृश्य
हजारों के साथ
मिले हुए हाथ के साथ
कारवां के कदमताल में
आखिर
चलना तो एक को ही है
अकेले ही है !
फिल्मों में
प्रेम और वियोग की
कविताओं में
कहीं कोई मिलता है
कोई बिछड़ता है
सुखांत और दुखांत में
कुछ पल आते ही हैं
एकांत के
काफिला बनता है
नायक चलता है
अपनी राह
संघर्ष और अंतर्द्वंद
साथ चलते हैं
बिखरते हैं
जो भी हो
अस्तित्व एक का ही होता है
नायक या तो जीता है
या हो जाता है कुर्बान
धारा एक ही होती है
विचारों की
बस बदलते हैं चित्र
और दृश्य
हजारों के साथ
मिले हुए हाथ के साथ
कारवां के कदमताल में
आखिर
चलना तो एक को ही है
अकेले ही है !
हम्मम्मम
ReplyDeleteसो तो है...
चलना तो अकेले है..
सार्थक रचना.
बहुत सुंदर, क्या बात है
ReplyDeleteअस्तित्व एक का ही होता है
नायक या तो जीता है
या हो जाता है कुर्बान
धारा एक ही होती है
विचारों की
चलना तो वाकई सभी को अकेले है..
ReplyDeleteबहुत अच्छा..
मेरे ब्लॉग पर भी नज़र डालें ..
kalamdaan.blogspot.com
सच, चलना तो अकेले ही है!!!
ReplyDeleteएकला चालो रे....
ReplyDeleteबेहतरीन रचना...बधाई...
नीरज
यूं तो ज़िंदगी आपकी अपनी है और उसमें आने वाले अच्छे बुरे पल
ReplyDeleteदेखते-सुनते, रोते-हस्ते ,झेलना तो आपको ही है। मगर इस अकेली रहा मे यदि कोई ऐसा हमसफर मिल जाये जो आप की भावनाओ को समझ सके तो ज़िंदगी हा हरपल आसान हो जाता है जीने के लिए है न !!:)
बहुत खूब सार्थक रचना...
यही तो सत्य है कि चलना तो अकेले है ...
ReplyDeleteएकला चलो रे...ये गाना याद आगया..सुन्दर भाव..
ReplyDeleteअकेला अंत है , शुरुआत नहीं
ReplyDeletesach kaha...jindgi ki raah me kuch pal ka sath mil sakta hai par antatah chalna to akele hi hai...
ReplyDeleteजोदी केयू डाक शुने केयू न ...ता बे एकला चोलो रे ....
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteबहुत सुंदर,बेहतरीन रचना
ReplyDeleteआखिर
ReplyDeleteचलना तो एक को ही है
अकेले ही है!
waah, bahut hi achhi rachna, padhna man bhaya.
shubhkamnayen
सुंदर रचना।
ReplyDeleteगहरा संदेश।
:)
ReplyDeleteबहुत सुंदर, क्या बात है
ReplyDeletewah Yashwant ji bahut sundar aap metaphors ka istemaal bahut sundarta se karte hai...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी शब्द रचना ।
ReplyDeletesahi kaha yashwant bhai
ReplyDeletechalna to ek akele ko hain
चलना तो एक को ही है
ReplyDeleteअकेले ही है !
बहुत सुन्दर ...!
आभार !
खूब-सूरत प्रस्तुति |
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई ||
ये कारवां हूँ ही चलता रहेगा ....हमेशा
ReplyDeleteचल अकेला चल अकेला........तेरा मेला पीछे छूटा रही चल अकेला|
ReplyDeleteबस बदलते हैं चित्र
ReplyDeleteऔर दृश्य
हजारों के साथ
के साथ
मिले हुए हाथ के साथ
कारवां के कदमताल में
आखिर
चलना तो एक को ही है
अकेले ही है !मर्म को छु जाये वो पंक्तियाँ रची हैं आपने
आखिर
ReplyDeleteचलना तो एक को ही है
अकेले ही है !
बहुत सही कहा आपने....
sundar
ReplyDeleteBahut sundar rachna sir.. :)
ReplyDeletekabhi samay mile to mere blog par bhi aaiyega.. aapka swaagat hai..
palchhin-aditya.blogspot.com
वाह!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
लोहड़ी पर्व के साथ-साथ उत्तरायणी की भी बधाई और शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteसुन्दर और प्रभावी रचना ..
ReplyDeleteराही चल अकेला,यही नियति है...
ReplyDeleteसुंदर रचना
बिलकुल सही कहा है ..बहुत प्रवाहमयी रचना
ReplyDelete( जब ) काफिला बनता है ,
ReplyDelete( तब अकेला क्यों.... ? )नायक चलता है ,
दुआ करुगी ,आपको अच्छी हमसफर मिल जाये..... :):)
चलना तो अकेले हि है ...
ReplyDeleteसार्थक रचना....
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आपको एवं आपके परिवार जनो को हार्दिक शुभ कामनाये
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - लोहडी़ और मकर सक्रांति की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाये - ब्लॉग बुलेटिन
ReplyDeleteकल 14/1/2012को आपकी पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
sahi kaha aapne. chalna to akele hi padta hai.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गहन अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteबेहतरीन रचना...बधाई
ReplyDeleteSATY TO YAHI HAI....LEKIN JAB TAK AURO KA SATH HO TO SAFAR AASANI SE KAT JATA HAI.
ReplyDeleteसही कहा चलना तो अकेले ही है ....
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी लगीं.
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