गूगल अगर तू न होता
तो गूगोल* का भूगोल क्या होता
क्या सिमट आती इस तरह
दुनिया एक क्लिक की दूरी पर
क्या कॉपी -पेस्ट से
कोई असाइनमेंट तैयार होता
न लिखी जा पाती कोई थीसिस
गुजरे कल के पन्नों से
सुनना फ्री का म्यूज़िक
न इतना आसान होता
न होता हमकदम तेरा ये ब्लॉग्स्पॉट
तो क्या लिखता मैं
राईटर भी एडिटर भी
कैसे बन सकता मैं
न लिखी जा पाती कोई 'बुक'
किसी के 'फेस' को देख कर
बराबर सब होता तो
माइनस 'प्लस' का क्या होता
गूगल तू देवता है !
सिर्फ देता, न लेता कुछ तू यूजर से
डाटा तो एक बूंद है
जिसे मथता तू 'वेब' समुंदर से
नमन तुझ को तू
मेरे 'सर्च' सुमन स्वीकार कर के
मनचाहे लिंक्स की
शीघ्र ही बौछार कर दे!
------
*गूगोल =खरब से अधिक बड़ी संख्या।
(यशवन्त माथुर)
तो गूगोल* का भूगोल क्या होता
क्या सिमट आती इस तरह
दुनिया एक क्लिक की दूरी पर
क्या कॉपी -पेस्ट से
कोई असाइनमेंट तैयार होता
न लिखी जा पाती कोई थीसिस
गुजरे कल के पन्नों से
सुनना फ्री का म्यूज़िक
न इतना आसान होता
न होता हमकदम तेरा ये ब्लॉग्स्पॉट
तो क्या लिखता मैं
राईटर भी एडिटर भी
कैसे बन सकता मैं
न लिखी जा पाती कोई 'बुक'
किसी के 'फेस' को देख कर
बराबर सब होता तो
माइनस 'प्लस' का क्या होता
गूगल तू देवता है !
सिर्फ देता, न लेता कुछ तू यूजर से
डाटा तो एक बूंद है
जिसे मथता तू 'वेब' समुंदर से
नमन तुझ को तू
मेरे 'सर्च' सुमन स्वीकार कर के
मनचाहे लिंक्स की
शीघ्र ही बौछार कर दे!
------
*गूगोल =खरब से अधिक बड़ी संख्या।
(यशवन्त माथुर)
जी सही कहा आपने यशवंत जी ,
ReplyDeleteअगर गूगल नहीं होता तो इतने सारे काम
फ्री म्यूजिक ,मनचाही जानकारी, चित्र देखना...
ये सब कहा हो पाता ....
सबसे बड़ी बात ब्लॉग नहीं होता जी
तो हमारा क्या होता....
गूगल पर बढ़िया आलेख ....
राईटर भी एडिटर भी
ReplyDeleteकैसे बन सकता मैं(सकते आप)
न लिखी जा पाती कोई 'बुक'
क्या सिमट आती इस तरह
दुनिया एक क्लिक की दूरी पर
क्या आप और मैं ,बन पाते
बेटा और आंटी ,इतनी दूरी पर.... :)
क्या आप और मैं ,बन पाते
Deleteबेटा और आंटी ,इतनी दूरी पर!
Naye rishte jodta Google, sahi khayal!
आप से भी रिश्तेदारी का इन्तजार है.... :)अगर एतराज न हो.... ?
Deleteसच है अगर गूगल नहोता तो दुनिया का भूगोल क्या होता..? फिर तो द्निया अपने में ही सिमट कर रह जाती ...बहुत सुन्दर ख्यालात..
ReplyDeleteबिल्कुल सही बात अगर ये न होता तो हम इतनी दूरियों को पलभर में शायद कभी न तय कर पाते और आपस के अहसास को कभी न बाँट पाते | तुम्हारी बात से पूरी तरह से सहमत |
ReplyDeleteअत्यंत सुन्दर लेखन..
ReplyDeleteजय हो गूगल देवता की ………सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteसच्ची...सदी की सबसे बड़ी खोज है इंटरनेट और दूसरे ये गूगल देवता...या गूगल माँ....(as i'm not sure about the gender)
:-)
ओम श्री गूगलाय नमः !
सच! गूगल जीवन का अपिहार्य अंग बन चुका है!
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुती.....
ReplyDeleteYashwant ji
ReplyDeletebahut accha likha hain aapne..sach hain agar yeh gugal nahi hota to jaane kya hota..
aapki yeh rachna pasand aayi
शत-शत नमन!
ReplyDeleteयूँ जुड़ते रहें ...... सुंदर रचना
ReplyDeleteजय हो गुगल महाराज की।
ReplyDeleteइसके फायदे बडे हैं पर एक बडा नुकसान यह है कि लोगों की याद रखने की क्षमता खत्म होते जा रही है... सब हैं गुगल के भरोसे।
:)
ReplyDeleteजी सही कहा आपने यशवंत जी बहुत जरुरी हैं गूगल जी हमारे लिए... सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteगूगल पर निर्भरता हो चुकी है और इसकी आदत पड़ गई है.
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही बढि़या लिखा है आपने .. ।
ReplyDeletebahut hi sahi kaha hai varna mujh jaise to kuch likh hi nahi pate. Dhanyawad.
ReplyDelete:-)).....thanks to team of Google for such a great Blogger services.
ReplyDelete:):) आज तो सच ही गूगल देवता है ॥
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