11 March 2012

रंगा हुआ कैनवास

सोचा था
खाली पड़े
इस कैनवास पर
खींच दूँ
कुछ आड़ी तिरछी
रंगीन रेखाएँ
वक़्त की पृष्ठभूमि
पर उकेर दूँ
जीवन का चित्र
बना दूँ
कुछ मुखौटे
जिनका चरित्र
झांक रहा हो
मन की खिड़की से

मेरे पास
कैनवास भी है
रंग भी हैं
कूची भी है
कल्पना भी है
मगर
यह कोरा कैनवास
रंगा हुआ है
पहले ही 
पूर्वाग्रह के
छीटों से ।

37 comments:

  1. ज़िन्दगी का कैनवास ,रंगीन ही होना चाहिए..
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

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  2. बहुत गहरी बात कह दी............
    बहुत बहुत बढ़िया यशवंत............
    जियो.

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  3. यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।

    बहुत गहरी बात!
    सादर

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  4. मगर
    यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।

    गहन रचना ...

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  5. बहुत सुंदर भाव लिए रचना, बेहतरीन प्रस्तुति.......

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  6. gahan bhav liye sunder rachna.....

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  7. बेहद सुन्दर भाव लिए रचना..... आपकी सुमधुर बाणी में रचना की प्रस्तुति ओर भी सुन्दर हो गयी है ..शुभ कामनाएं यशवंत जी .... !!!

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  8. यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।
    जब तक पूर्वाग्रह नहीं हटते तब तक नए रंग कैसे आयें ज़िंदगी में ...बहुत गहन भाव लिए अच्छी प्रस्तुति

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  9. वास्तव में ही कठिन है पूर्वाग्रहों को छोड़ पाना

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  10. बहुत खूब...सुन्दर...

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  11. मगर
    यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।

    Bahut Hi Sunder...

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  12. यहाँ कोरा कहाँ ढूँढ रहे हैं, सब छिंटे हुये हैं यशवंत जी !

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  13. अनुपम भाव संयोजन लिए उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति ।

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  14. गहन रचना ...उत्‍कृष्‍ट !!

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  15. इन्दिरा मुखोपाध्याय जी की ईमेल से प्राप्त टिप्पणी--

    बहुत सुन्दर ,क्या संजोग हा i,कल में भी खली कनवास पर ही कुछ सोच रही थी.बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है|

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  16. मखमली शब्दों के धागे में पिरोकर बड़ी ही मार्मिक अभिव्यक्ति की है.
    हृदय को छू लेने वाले भाव हैं...
    सादर...!!!

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  17. bahut hi sundar aur shandar post.

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  18. खाली भी है, कोरा भी है और रंगा भी हुआ है...जीवन कितना विरोधाभासी है...

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  19. बहुत ही सत्य....सबका जीवन विरोधाभासों से भरा हुआ है.....बढ़िया रचना...

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  20. यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।......कितना सही कहा है यशवंत जी आपने , पाले से रंगे हुए जीवन के कैनवास पर नया चित्र उकेरना वाकई मुश्किल हो जाता है!

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  21. वाह बहुत खूब ...नए रंगों से सजी कविता

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  22. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है।
    चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं....
    आपकी एक टिप्‍पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

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  23. पूर्वाग्रह की आड़ में स्वयं की सोच कही खो जाती है ...
    अच्छा लिखा है !

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  24. मेरे पास
    कैनवास भी है
    रंग भी हैं
    कूची भी है
    कल्पना भी है
    मगर
    यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।
    वाह बहुत सुन्दर रचना |

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  25. मेरे पास
    कैनवास भी है
    रंग भी हैं
    कूची भी है
    कल्पना भी है
    मगर
    यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।

    गहन अभिव्यक्ति लिए सुंदर कविता.

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  26. सुन्दर प्रस्तुति !
    आभार !

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  27. बहुत बढ़िया प्रस्तुति,भावपूर्ण अभिव्यक्ति सुंदर रचना,...

    RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...

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  28. रंगा हुआ कैनवास
    title in itself was so captivating :)
    an awesome read as ever !!

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  29. बिना रंग के खाली केनवास पर क्या रखा है |रंग सयोजन ने ही तो उसे केनवास बनाया है
    सुन्दर प्रस्तुति
    आशा

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  30. मगर
    यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।
    bahut achcha likhe hain.....

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  31. भावपूर्ण अभिव्यक्ति ..बहुत सुन्दर यशवन्त....

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  32. गज़ब की अभिव्यक्ति !!!

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  33. लाज़वाब प्रस्तुति..बिना पूर्वाग्रहों को त्यागे ज़िंदगी में आगे नहीं बढ़ा जा सकता..

    http://aadhyatmikyatra.blogspot.in/

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  34. यह कोरा कैनवास
    रंगा हुआ है
    पहले ही
    पूर्वाग्रह के
    छीटों से ।.. kuch kahne ke liye choda hi nhi aapne.... ek gahri abhivaykti....

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