15 March 2012

ये तस्वीरें

रह रह कर
मन के पर्दे पर
उभर रही हैं
कुछ तस्वीरें
जो बरबस
तैर रही हैं
आँखों के सामने

ये तस्वीरें
दिन का ख्वाब हैं
या सहेजी हुई
कोई बेशक्ल
बेतुकी नज़्म
या किसी 
पुरानी किताब
के गलते पन्नों पर
अस्तित्व खोते अक्षर
कह नहीं सकता

ये तस्वीरें
जो भी हैं
बहुत चुभ रही हैं
आँखों को

न जाने क्यों ?


28 comments:

  1. तस्वीर का दूसरा रुप भी देखना जो आखो को सुकून अवश्य देगी...सुन्दर अभिव्यक्ति... यशवन्त !बहुत -बहुत धन्यवाद ..तुम सब का प्यार और शुभकामनाओ से ही मैं जल्दी ही फिट होजाऊँगी..

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  2. ये तस्वीरें
    दिन का ख्वाब हैं
    या सहेजी हुई
    कोई बेशक्ल
    बेतुकी नज़्म
    या किसी
    पुरानी किताब
    के गलते पन्नों पर
    अस्तित्व खोते अक्षर
    कह नहीं सकता
    ..man ki manah esthti ko ujagar karti steek prastuti...

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  3. मन के भावों की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....

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  4. kabhi kabhi man ki sthiti eysi ho jaati hai har tasveer dhundli berang najar aati hai bahut achche se mansthiti ka chitran kiya hai.

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  5. बेहद मार्मिक अभिव्यक्ति है...
    सादर...!!

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  6. विकल ह्रदय की कथा कहती....सुंदर रचना ...

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  7. bahut achcha likha hai yashvant jee....heart touching.thanks.

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  8. मन की व्याकुलता स्पष्ट करते शब्द ... सुंदर अभिव्यक्ति....

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  9. बहुत सुन्दर मार्मिक रचना...
    गहन भाव दर्शाती रचना:-)

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  10. bahut sundar bhavabhivyakti.badhai.

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  11. या किसी
    पुरानी किताब
    के गलते पन्नों पर
    अस्तित्व खोते अक्षर
    कह नहीं सकता....
    बहुत सुंदर प्रस्तुति,अच्छी रचना.....

    MY RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...

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  12. बहुत सुन्दर यशवंत........
    तस्वीर बह जाये आँखों से तो चुभन कम हो....

    सस्नेह.

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  13. प्रभावशाली अभिव्यक्ति !

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  14. मन की भावनाओं को सुन्दर शब्द दिए हैं आपने.
    सादर

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  15. अस्तित्व खोते अक्षरों की तहरीरें आँखों को चुभेंगी ही ...
    अक्षरों से जिंदगी झांके और तस्वीरों का सुहाना मौसम हो जाए ...
    शुभकामनायें !

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  16. ये तस्वीरें
    दिन का ख्वाब हैं
    या सहेजी हुई
    कोई बेशक्ल
    बेतुकी नज़्म
    या किसी
    पुरानी किताब
    के गलते पन्नों पर
    अस्तित्व खोते अक्षर
    कह नहीं सकता

    bahut khoob

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  17. सुन्दर भाव संयोजन..

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  18. wah wah wah...behad khoob yashwant ji...

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  19. मन है तो कुछ न कुछ दिखायेगा ही...शब्दों में कैद कर कविता में ढालना एक कला है...आभार!

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  20. मन को छूती पंक्तियाँ ....बहुत सुंदर

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  21. जो बात तुझमें है तेरी तस्वीर में नहीं
    और फिर
    तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी.

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  22. कभी कभी कुछ ऐसा होता जो अटका रहता है मन में और तस्वीर तो बहाना बन जाती है ... मन को छू रही हैं पंक्तियाँ ...

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  23. हो जाता है कुछ तस्वीरे ज़ेहन में बस जाती हैं.....वक़्त के साथ अक्स धुंधले पड़ जाते हैं ।

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  24. वाह ...बहुत ही बढिया।

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  25. ये तस्वीरें
    जो भी हैं
    बहुत चुभ रही हैं
    आँखों को
    ............सुंदर अभिवयक्ति

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  26. tasveero ke itne rup to aap ki rachna me hi milte hai.....

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