तलाश में हूँ
एक तस्वीर की
जिसे देख कर
बिना रुके
लिखता चलूँ
और कहता चलूँ
उस तस्वीर के
मन की बात
कहता चलूँ
उसके चेहरे से
झलकता
कभी दर्द
और कभी खुशी का
संगम !
लेकिन वो चित्रकार कहाँ
जिसने रची होगी
वो तस्वीर
और कहाँ वो तस्वीर
जिसे पाने के
कर लिये अनेकों जतन
वो साधारण सी
असाधारण तस्वीर
और उसके जैसे
सैकड़ों चेहरे
हर रोज़ देखता हूँ
अपने आस पास
मगर फिर भी
तलाश जारी है
"कुछ हटके" की
जिस पर लिख सकूँ
"कुछ हट कर"
बिना पेन और कागज के
बिना की बोर्ड और स्क्रीन के
गढ़ दूँ कुछ ऐसे अक्षर
जो कभी चोट लगें
और कभी मलहम
उस तस्वीर के
खुशी और गम की तरह।
<<<<यशवन्त माथुर >>>>
इस ब्लॉग का एक लिंक अब यह भी--http://jmkyashwant.wordpress.com/
एक तस्वीर की
जिसे देख कर
बिना रुके
लिखता चलूँ
और कहता चलूँ
उस तस्वीर के
मन की बात
कहता चलूँ
उसके चेहरे से
झलकता
कभी दर्द
और कभी खुशी का
संगम !
लेकिन वो चित्रकार कहाँ
जिसने रची होगी
वो तस्वीर
और कहाँ वो तस्वीर
जिसे पाने के
कर लिये अनेकों जतन
वो साधारण सी
असाधारण तस्वीर
और उसके जैसे
सैकड़ों चेहरे
हर रोज़ देखता हूँ
अपने आस पास
मगर फिर भी
तलाश जारी है
"कुछ हटके" की
जिस पर लिख सकूँ
"कुछ हट कर"
बिना पेन और कागज के
बिना की बोर्ड और स्क्रीन के
गढ़ दूँ कुछ ऐसे अक्षर
जो कभी चोट लगें
और कभी मलहम
उस तस्वीर के
खुशी और गम की तरह।
<<<<यशवन्त माथुर >>>>
इस ब्लॉग का एक लिंक अब यह भी--http://jmkyashwant.wordpress.com/
बिना पेन और कागज के
ReplyDeleteबिना की बोर्ड और स्क्रीन के
गढ़ दूँ कुछ ऐसे अक्षर
जो कभी चोट लगें
और कभी मलहम
उस तस्वीर के
खुशी और गम की तरह।
तलाश जारी रहे .... सुंदर अभिव्यक्ति
तलाश जारी रखिये मिल ही जाएगी आपको ऐसी तस्वीर..
ReplyDeleteजिसे देखकर भावनाए खुद ही जुबान पर आ जाये...
मन की आँखों से देखो.......तस्वीर आस-पास ही कहीं होगी....
ReplyDeleteसस्नेह.
अनु
तलाश जारी रखिये मिल ही जाएगी आपको ऐसी तस्वीर..
ReplyDeleteजिसे देखकर भावनाए खुद ही जुबान पर आ जाये...
भावनाओ की सुन्दर अभिव्यक्ति...
बेहतरीन रचना....
लेकिन वो चित्रकार कहाँ
ReplyDeleteजिसने रची होगी
वो तस्वीर
और कहाँ वो तस्वीर
जिसे पाने के
कर लिये अनेकों जतन
EXCELLENT POETRY...CONGRATS
लेकिन वो चित्रकार कहाँ
ReplyDeleteजिसने रची होगी
वो तस्वीर
और कहाँ वो तस्वीर
जिसे पाने के
कर लिये अनेकों जतन,,,,,
सुंदर रचना ,,,,,,,
RECENT POST काव्यान्जलि ...: किताबें,कुछ कहना चाहती है,....
हर इंसान चलती फिरती ऐसी ही एक तस्वीर ही तो है। बस जरूरत है उसे करीब से जानने और समझने की.....
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह ... बहुत खूब
ReplyDeleteकल 23/05/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
... तू हो गई है कितनी पराई ...
तलाश जरी रखो मनभावन तस्वीर मिल ही जाएगी सुन्दर अभिव्यक्ति.सस्नेह.
ReplyDeleteसाधारण होते हुवे भी उस असाधारण की तलाश निरंतर रहती है ...
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति.....जीवन में यह तलाश यूँ ही चलती है.....
ReplyDeleteवाह यशवंत बहुत खूब ... शब्दो से ही चित्र खींच देते हो भाई ... तुम खुद किसी चित्रकार से कम हो क्या !?
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - ब्लॉग बुलेटिन की राय माने और इस मौसम में रखें खास ख्याल बच्चो का
तलाश है तो मंजिल भी मिलेगी!
ReplyDeletetalash poori ho yahi shubhkamnaye...:)
ReplyDeleteसुन्दर!!
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeletetalash karte karte bhi kai khoobsurat chitra ban jayenge
Thanks
http://drivingwithpen.blogspot.in/
indira mukhopadhyay जी द्वारा मेल पर प्राप्त
ReplyDeleteBeautiful.
मगर फिर भी , तलाश जारी है
ReplyDelete"कुछ हटके" की
जिस पर लिख सकूँ
"कुछ हट कर"
मुझे इंतजार है .....
*कुछ हट कर" पढ़ सकूँ ....