सोचना है कुछ
कुछ लिखना है
करनी है ईमेल
और जल्दी से भेजना है
संपादक को छापने की जल्दी है
और मुझे छपने की
अपना नाम देखने की
जल्दी है ,बहुत जल्दी है
सच मे क्या करूँ
लाइनें लिखता हूँ
मिटाता हूँ
बार बार दोहराता हूँ
और डालता हूँ
आस पास एक नज़र
कोई विषय मिल जाए
तो बात बन जाए
दोनों की
छपने वाले की भी
छापने वाले की भी
और बनती जा रही हैं
यह पंक्तियाँ
जो आप पढ़ रहे हैं
अपना सिर पकड़ के
भौहों को तान के
झेल रहे हैं
यह हल्की फुलकी नज़्म (?)
कविता (?)
या कुछ और
जो भी हो
मेरी तो बात बन गयी
पर आपकी ? :)
www.nazariya.in पर पूर्व प्रकाशित
<<<<यशवन्त माथुर>>>>
कुछ लिखना है
करनी है ईमेल
और जल्दी से भेजना है
संपादक को छापने की जल्दी है
और मुझे छपने की
अपना नाम देखने की
जल्दी है ,बहुत जल्दी है
सच मे क्या करूँ
लाइनें लिखता हूँ
मिटाता हूँ
बार बार दोहराता हूँ
और डालता हूँ
आस पास एक नज़र
कोई विषय मिल जाए
तो बात बन जाए
दोनों की
छपने वाले की भी
छापने वाले की भी
और बनती जा रही हैं
यह पंक्तियाँ
जो आप पढ़ रहे हैं
अपना सिर पकड़ के
भौहों को तान के
झेल रहे हैं
यह हल्की फुलकी नज़्म (?)
कविता (?)
या कुछ और
जो भी हो
मेरी तो बात बन गयी
पर आपकी ? :)
<<<<यशवन्त माथुर>>>>
बात बनाती कविता... सुन्दर
ReplyDeleteबहुत खूब.... आपके इस पोस्ट की चर्चा आज 24-5-2012 ब्लॉग बुलेटिन पर प्रकाशित होगी... धन्यवाद.... अपनी राय अवश्य दें...
ReplyDeleteअजी ..बात तो ऐसे ही बनती है..
ReplyDeleteहमारी भी बात बन गयी.............
ReplyDelete:-)
सस्नेह.
बहुत सुन्दर यशवन्त....सस्नेह..
ReplyDelete......क्या कहने यशवंत भाई बहुत सुंदर
ReplyDeleteसोचता हूं कि मैं भी संपदक से बदला ले ही लूं
ReplyDeleteबस बात बननी ही चाहिए ...
ReplyDeleteमुझे तो पढ़ कर मज़ा आया ... स्नेह :-)
ReplyDeleteवाह ...बेहतरीन
ReplyDeleteयह हल्की फुलकी नज़्म (?)
ReplyDeleteकविता (?)
या कुछ और
जो भी हो
मेरी तो बात बन गयी
पर आपकी ? :)
मेरी भी बनी *हलचल* के लिये .... :)
bani ya bana li gayi :-)
ReplyDeleteबस ऐसे ही तो बात बनती है ....हमें देखो..अभी तक मुँह में कला दबाये बैठे हैं .....
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है आपने यशवंत जी...
ReplyDeleteसुन्दर रचना....:-)
यूँही बातों बातों में .... देखो फ़साना बन गया अच्छा !
ReplyDeletemeri bhi baat ban gyi :)
ReplyDeleteबहुत हीं अच्छी बात बनाई है यशवंत जी...बहुत हीं सुन्दर,अपने रौ में बहती जाती रचना...
ReplyDeleteक्या बात !!!!!मज़ा आ गया ....बढ़िया
ReplyDeletehehe,, so cute one,, humari bhi baat ban gayi,, nica..
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