जब तक हैं तब तक सिर पर हाथ है ही परंतु आशीर्वाद बाद तक कायम रहेगा। ज़रूरी है 'आत्म-विश्वास' और 'आत्म-निर्भरता' तथा लोगों को पहचानने की क्षमता। दीवार तक सब देखते हैं हमने दीवार के उस पर देखना सीखा है उसी परंपरा को कायम रखने का दायित्व भी लेना होगा। जैसा देखा है कि किस प्रकार चारों ओर से घिर कर भी सकुशल अपने को निकाला है उसी दृढ़ता को अपनाना होगा। सम्मान करना ठीक है लेकिन झुकना कभी न हो ,अपना सम्मान कभी न गवाना होगा। जो देखा है उसे सीख कर अपनाना होगा तो कभी भी न पक्षताना होगा। तूफानों से भी टकराने का हौसला दिखाना होगा तो जीवन सदा सुहाना होगा।
देखा है कि किस प्रकार चारों ओर से घिर कर भी सकुशल अपने को निकाला है उसी दृढ़ता को अपनाना होगा। सम्मान करना ठीक है लेकिन झुकना कभी न हो ,अपना सम्मान कभी न गवाना होगा। जो देखा है उसे सीख कर अपनाना होगा तो कभी भी न पक्षताना होगा। तूफानों से भी टकराने का हौसला दिखाना होगा तो जीवन सदा सुहाना होगा। आपके आदर्श को नमन .... :)
ज़रूरी है वही प्रेरणा वही विश्वास जो कल था और आज भी है मेरे लिये मेरे साथ हमेशा की तरह...बहुत सुन्दर यशवन्त...पापा की टिप्पणी के रुप में आशीर्वाद बहुत सुन्दर...शुभकामनाएं
जब तक हैं तब तक सिर पर हाथ है ही परंतु आशीर्वाद बाद तक कायम रहेगा। ज़रूरी है 'आत्म-विश्वास' और 'आत्म-निर्भरता' तथा लोगों को पहचानने की क्षमता। दीवार तक सब देखते हैं हमने दीवार के उस पर देखना सीखा है उसी परंपरा को कायम रखने का दायित्व भी लेना होगा। जैसा देखा है कि किस प्रकार चारों ओर से घिर कर भी सकुशल अपने को निकाला है उसी दृढ़ता को अपनाना होगा। सम्मान करना ठीक है लेकिन झुकना कभी न हो ,अपना सम्मान कभी न गवाना होगा। जो देखा है उसे सीख कर अपनाना होगा तो कभी भी न पक्षताना होगा। तूफानों से भी टकराने का हौसला दिखाना होगा तो जीवन सदा सुहाना होगा।
ReplyDeleteदेखा है कि किस प्रकार चारों ओर से घिर कर भी सकुशल अपने को निकाला है उसी दृढ़ता को अपनाना होगा। सम्मान करना ठीक है लेकिन झुकना कभी न हो ,अपना सम्मान कभी न गवाना होगा। जो देखा है उसे सीख कर अपनाना होगा तो कभी भी न पक्षताना होगा। तूफानों से भी टकराने का हौसला दिखाना होगा तो जीवन सदा सुहाना होगा।
Deleteआपके आदर्श को नमन .... :)
very touching.... happy fathers day.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर यशवंत.....
ReplyDeleteऔर उतनी ही सुन्दर पापा की टिप्पणी.....
उनका हाथ सदा बना रहे तुम्हारे सर पर...
happy fathers day
सस्नेह.
ज़रूरी है
ReplyDeleteवही प्रेरणा
वही विश्वास
और जरूरी है चुपके से इस तरह के नैसर्गिक फोटो का खींचा जाना
पितृ दिवस की शुभकामनाएं
भावपूर्ण , हृदयस्पर्शी
ReplyDeleteज़रूरी है और हमेशा ज़रूरी रहेगा भी...!
ReplyDeleteSar par hath zaruri he....bhagwan kare ye sath yun hi bana rahe....sada k liye :)
ReplyDeleteसही बात , हैप्पी फादर्स डे
ReplyDeleteकितनी सुन्दर लग रही है बेटे की पोस्ट पर पिता की टिप्पणी... हमेशा बना रहे ये साथ ... शुभकामनायें
ReplyDeleteज़रूरी है
ReplyDeleteवही प्रेरणा
वही विश्वास
जो कल था
और
आज भी है
मेरे लिये
मेरे साथ
हमेशा की तरह...बहुत सुन्दर यशवन्त...पापा की टिप्पणी के रुप में आशीर्वाद बहुत सुन्दर...शुभकामनाएं
बहुत खूब ...पिता दिवस की शुभकामनायें ...
ReplyDeleteआते जाते कदमों पर
ReplyDeleteएक एहसास ज़रूरी है
मेरेआपके लिये
मेरेआपके साथ
हमेशा की तरह!
हमेशा के लिये!
खूबसूरत एहसास .... पापा के शब्द मिल गए इससे बड़ा आशीर्वाद क्या हो सकता है ?
ReplyDeleteयह हाथ सिर पर सदा बना होना चाहिए ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
बहुत सुन्दर...... पापा का आशीर्वाद तो हमेशाही रहेगा
ReplyDeleteशुभकानाये !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteक्या कहने
ReplyDeleteबहुत सुंदर
यह स्नेह और सानिध्य आशीष संग हमेशा क़ायम रहे ... शुभकामनाएं
ReplyDeletebahut sundar rachana...
ReplyDeletegood wishesh:-)
बहुत खूब ...सत्य हैं
ReplyDeleteसुन्दर.
ReplyDeleteवाकई बहुत ज़रूरी है ...
ReplyDeleteयही दुआ है कि यह हाथ सदा हम सब के सर पर बना रहे ... अंकल को प्रणाम कहना !
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - बुंदेले हर बोलों के मुंह, हमने सुनी कहानी थी ... ब्लॉग बुलेटिन
बहुत सुन्दर और सटीक पोस्ट।
ReplyDeleteon mail by-dira mukhopadhyay ji
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता,
प्रेरणा खुशबू बन महक रही है इन पंक्तियों से।।सुन्दर ..
ReplyDeleteप्रेरणा खुशबू बन महक रही है इन पंक्तियों से।।सुन्दर ..
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