चित्र साभार :http://latimesblogs.latimes.com |
चाहे -अनचाहे
इस दुनिया मे आने के बाद
अब
धधक रहा है ज्वालामुखी
'उनकी' अपेक्षाओं का
अरमानों का
और मेरे
अनगिने सपनों का
वक़्त की बुलेट ट्रेन पर
शुरू हो चुकी है
मेरी प्रगति यात्रा
अब बस इंतज़ार है
अपेक्षाओं और सपनों के
ज्वालामुखी के फटने का
जिससे निकलने वाला
फूलों का लावा
अपनी खुशबू की
चपेट मे लेगा
सारी दुनिया को
महकी हुई हवा
बहक कर छूएगी मुझे
और मेरा नाम लेकर
कहेगी
आ ले चलूँ तुझे
तेरी मंज़िल के पार!
[उनकी=माता-पिता की
मैं या मेरी =एक छोटी लड़की जो यहाँ अपनी बात कह रही है ]
©यशवन्त माथुर©
अनुपम भाव लिये हुये बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeletegud one...
ReplyDeletegud one...
ReplyDeleteवाह ... बहुत खूब...अति सुंदर रचना के लिए बधाई
ReplyDeletebahut sunder
ReplyDeleteआ ले चलूँ तुझे
ReplyDeleteतेरी मंज़िल के पार!
Bohot hi sundar...
वक़्त की बुलेट ट्रेन पर
ReplyDeleteशुरू हो चुकी है
मेरी प्रगति यात्रा
अब बस इंतज़ार है
अपेक्षाओं और सपनों के
ज्वालामुखी के फटने का
जिससे निकलने वाला
फूलों का लावा
अपनी खुशबू की
चपेट मे लेगा
सारी दुनिया को
bahut sunder...
जारी रखिये अपनी प्रगति यात्रा... बहुत सुन्दर भाव... शुभकामनाये
ReplyDeleteआमीन!:-)
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति !
यह प्रगति यात्रा सफल हो
ReplyDeleteशुभकामनाये...
बहुत सुन्दर रचना,,,,
:-)
महकी हुई हवा
ReplyDeleteबहक कर छूएगी मुझे
और मेरा नाम लेकर
कहेगी
आ ले चलूँ तुझे
तेरी मंज़िल के पार! उम्मीद की बेहतरीन अभिवयक्ति.....
बहुत सुंदर भावों की प्रस्तुति ,,,,
ReplyDeleteRECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
हृदयस्पर्शी भाव
ReplyDeleteगहन अभिव्यक्ति .... लड़कियों के मन के भावों को सार्थक शब्द दिये हैं
ReplyDeleteबच्चों पर पढ़ाई का कितना दबाव है!
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteवाह बहुत खूब ....सादर
ReplyDeletesundar prastuti.aabhar aisa hadsa kabhi n ho
ReplyDeleteसुंदर भावों में बात ढली है, उसमें छिपे भाव एक नया सन्देश देते हें.
ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसुन्दर ख्याल ......!
ReplyDeleteछोटी लड़की के मन की खूबसूरत उड़ान !!!
ReplyDeleteबहुत खूब .... !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ती .... :)
सुंदर भावनाओं से कविता भर दी आपने. बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteफूलों का लावा
ReplyDeleteअपनी खुशबू की
चपेट मे लेगा
सारी दुनिया को
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आ ले चलूँ तुझे
तेरी मंज़िल के पार!
बहुत सुन्दर कविता
बेहतरीन अभिव्यक्ति
आभार
सुन्दर भावों की मासूम सी उड़ान ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना यशवंत.....
ReplyDeleteजाने कैसे पढ़ने से रह गयी थी ये..
(विलम्ब के लिए क्षमा)
सस्नेह
अनु
अति सुन्दर और भावपूर्ण।
ReplyDeletebachchi ke man ke bhaavon ko bahut hi pyare dhang se prastut kiya hai.
ReplyDeleteshubhkamnayen