अभी अभी फेसबुक पर यह चित्र देखा ;इसे देख कर जो मेरे मन ने कहा ,वह प्रस्तुत है-
मन की कलम में
बादलों की स्याही भर कर
सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर
कुछ ऐसा
जो उड़ कर मिट न पाए
कुछ ऐसा जो
हर पल नज़र आए
कुछ ऐसा कि
जिसे पढ़ कर
कोई हँसे तो
कोई रोए
जी भर कर
सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर
©यशवन्त माथुर©
साभार : फेसबुक |
मन की कलम में
बादलों की स्याही भर कर
सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर
कुछ ऐसा
जो उड़ कर मिट न पाए
कुछ ऐसा जो
हर पल नज़र आए
कुछ ऐसा कि
जिसे पढ़ कर
कोई हँसे तो
कोई रोए
जी भर कर
सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर
©यशवन्त माथुर©
बहुत सुन्दर..
ReplyDeletetoo gud yeshwant bhai ... mai bhi kuch aisa hi soch raha hu abhi
ReplyDeleteमन की कलम में
ReplyDeleteबादलों की स्याही भर कर
सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर
उम्दा भाव ... बहुत सुन्दर ..
लिखो यशवंत...........
ReplyDeleteइन्द्रधनुष ज़रूर उगेगा....
सस्नेह
बहुत सुन्दर रचना.. बधाई.
ReplyDeletenice
ReplyDeletenice lines .congr8s
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सोच है..... बधाई!
ReplyDeleteविस्तृत नभ सा विस्तार लिये ...बहुत सुंदर रचना ...!!
ReplyDeleteजब सोच के ही इतना अच्छा लग रहा है , तो लिखना तो और भी खूबसूरत होगा ......... शुभकामनाएं !
ReplyDeleteसोच रहा हूँ
ReplyDeleteकुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर... bhaut hi khubsurat soch rahe h....likh hi daliye....
लिखिए....और कुछ ऐसा लिखिए...
ReplyDeleteकि बादलों में भरा नीर बरस जाए...
और जब सिमटें...तो धूप सुनहरी खिल जाए...
बहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteआसमान पर लिखा आपने अपने जुबान की बातें ..सुन्दर
ReplyDeleteअच्छा है , खूब लिखो दिल की कलम से दूसरों के दिलों पर |
ReplyDeleteखूबसूरत खयाल ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,,यशवंत जी,,,,
ReplyDeleteRECENT POST,,,इन्तजार,,,
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteकुछ ऐसा
ReplyDeleteजो उड़ कर मिट न पाए
कुछ ऐसा जो
हर पल नज़र आए
बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर ख्याल है यशवंत जी..
ReplyDeleteलिख दीजिये आसमान के पन्नो पर
भर दीजिये सुनहरे रंग उसमे...
:-) ;-) :-) :-)
लिख दूँ आसमान के पन्नो पर अपनी ख्वाइशे
ReplyDeleteउड़ेल दूँ सारी इक्षाए...
ताकि जब भी चले पवन अपनी तेज
गति से..
शायद कुछ ख्वाइशे पहुँच जाये
उस खुदा तक...
और पूरी हो जाये सभी कामना...
:-) :-) :-)
bahut badhiya aur gaharai liye hue ...bahut khoob sir !!
ReplyDeletereh na jaye koi kona baki
har taraf likh jau main saqi
kuch duayein ho
kuch khwaishein ho
kuch armaanon ka samndar
kuch arzoo pyari pyari !!
ज्यादा सोचो मत अब लिख ही डालो ... सोच गहरी हो जाये तो इरादे कमजोर हो जाते है !
ReplyDeleteआपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, भिक्षावृत्ति मजबूरी नहीं बन रहा है व्यवसाय - ब्लॉग बुलेटिन , के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
.बहुत सार्थक प्रस्तुति. आभार रफ़्तार जिंदगी में सदा चलके पाएंगे मोहपाश छोड़ सही रास्ता अपनाएं
ReplyDeleteमन की कलम में
ReplyDeleteबादलों की स्याही भर कर
सोच रहा हूँ
कुछ लिख दूँ
आसमां के पन्ने पर
man ki kalam, badalon ki syahi aur asman panne.... Wah ... adbhut ...! bahut hi khoobsurat kalpana....
Manju
सुन्दर अभिव्यक्ति है ।
ReplyDeleteबहुत बढिया ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ..........
ReplyDeleteबहुत सुंदर .
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteआसमां के पंखों पे स्वप्नों की गाथा लिख दो ...
ReplyDeleteबहुत खूब ... उम्दा रचना ...