वो सुबह जरूर आयेगी....
हाँ एक और सवेरा है.......बहुत सुन्दर यशवंतसस्नेह
well said!सूरज का डूबना...एक नयी सुबह की आस भी है... :-)
शनिवार 21/07/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. आपके सुझावों का स्वागत है . धन्यवाद!
गतिमान सूरज का सन्देश अच्छा लगा .
बेहतरीन प्रस्तुति,,,,बहुत सुंदर क्षणिका ,,,,,, RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
अनंत ...अनवरत ...सच कह रहा है ...!!शुभकामनायें
bilkul sahi kaha aapne.sundar prastuti.
डूबता सूरज एक नए प्रभात का आगाज होता है ......निरंतर चलता पथिक विश्राम की वेला को अवसान समझने की भूल करता है .....
:)
हौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया ....
बहुत सही कहा ... बेहतरीन भाव
डूबता सूरज एक सन्देश की तरह होता है..जो कहता है की मै कल फिर आऊंगा और फिर उसी तेज से चमकूँगा बेहतरीन प्रेरनादायी रचना:-)
सुंदर क्षणिका ....
सूरज कभी डूबता ही नहीं, दिखता भर है कि डूब रहा है..चंद शब्दों में सुंदर संदेश !
जबरदस्त अभिवयक्ति.....वाह!
..बिलकुल..!!
कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया..बहुत सुन्दर
बहुत खूब !
सुंदर संदेश...
सच कहा अंत कोई कहाँ देख पाता है ..बहुत सार्थक चिंतन ..
short and sweet :)
वाह,क्या बात है
सच है जिंदगी और भी है ... बहुत बड़ी जिसका पता भी नहीं है ...
sach kaha kabhi kabhi jo dikhta hai vo hota nhi, jo ant lagta hai vo ek nai shuruat hoti hai. sunder goodh rachnashubhkamnayen
वो सुबह जरूर आयेगी....
ReplyDeleteहाँ एक और सवेरा है.......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर यशवंत
सस्नेह
well said!
ReplyDeleteसूरज का डूबना...एक नयी सुबह की आस भी है... :-)
शनिवार 21/07/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. आपके सुझावों का स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteगतिमान सूरज का सन्देश अच्छा लगा .
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति,,,,
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्षणिका ,,,,,,
RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
अनंत ...अनवरत ...
ReplyDeleteसच कह रहा है ...!!
शुभकामनायें
bilkul sahi kaha aapne.sundar prastuti.
ReplyDeleteडूबता सूरज एक नए प्रभात का आगाज होता है ......निरंतर चलता पथिक विश्राम की वेला को अवसान समझने की भूल करता है .....
ReplyDelete:)
ReplyDeleteहौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया ....
ReplyDeleteबहुत सही कहा ... बेहतरीन भाव
ReplyDeleteडूबता सूरज एक सन्देश की तरह होता है..
ReplyDeleteजो कहता है की मै कल फिर आऊंगा
और फिर उसी तेज से चमकूँगा
बेहतरीन प्रेरनादायी रचना
:-)
सुंदर क्षणिका ....
ReplyDeleteसूरज कभी डूबता ही नहीं, दिखता भर है कि डूब रहा है..चंद शब्दों में सुंदर संदेश !
ReplyDeleteजबरदस्त अभिवयक्ति.....वाह!
ReplyDelete..बिलकुल..!!
ReplyDeleteकुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया..बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteसुंदर संदेश...
ReplyDeleteसच कहा अंत कोई कहाँ देख पाता है ..
ReplyDeleteबहुत सार्थक चिंतन ..
short and sweet :)
ReplyDeleteवाह,क्या बात है
ReplyDeleteसच है जिंदगी और भी है ... बहुत बड़ी जिसका पता भी नहीं है ...
ReplyDeletesach kaha kabhi kabhi jo dikhta hai vo hota nhi, jo ant lagta hai vo ek nai shuruat hoti hai. sunder goodh rachna
ReplyDeleteshubhkamnayen