तस्लीम-परिकल्पना सम्मान समारोह एवं अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन से लौट कर बस आया ही हूँ।
एक जगह इतने सब लोगों से मिलना वास्तव मे एक अलग ही एहसास रहा। यह भी महसूस हुआ कि लोग मुझे कम से कम मेरे नाम से जानते तो हैं :) यह बात और है कि काफी लोग शक्ल से मुझे पहचान नहीं सके। सबसे पहली मुलाक़ात संजय भास्कर जी से हुई,इनके बाद आदरणीय अमित श्रीवास्तव सर एवं निवेदिता आंटी से मिलना बेहद अच्छा लगा। चौकने वाली बात दो बार हुई जब पहली बार सुनीता शानू जी ने बोला "अरे तुम तो इतने छोटे हो" और यही बात आदरणीया वंदना अवस्थी दुबे जी,इस्मत जैदी जी एवं शेफाली पांडे जी से मिलने पर भी हुई ;उनका भी यही कहना है कि अपनी फोटो मे मैं बहुत बड़ा दिखता हूँ लेकिन हूँ बहुत छोटा :) सही बात भी है आप सब से छोटा तो हूँ ही :) और इसीलिए आप सभी के आशीर्वाद का आकांक्षी रहता हूँ।
विशेष रूप से आदरणीया शिखा वार्ष्णेय जी,राजेश कुमारी जी ,अर्चना चावजी जी ,वीणा श्रीवास्तव जी,निधि टंडन जी, रागिनी मिश्रा जी,गरिमा पांडे जी ,मुकेश कुमार सिन्हा जी ,रवि शंकर श्रीवास्तव जी,अविनाश वाचस्पति जी,संतोष त्रिवेदी जी,उदय वीर सिंह जी,धीरेन्द्र भदौरिया जी,आशीष जी,अरुण निगम जी,रविकर जी,रूप चंद शास्त्री जी,बी एस पाबला जी ,शिवम मिश्रा जी एवं नीरज जाट जी से भी प्रत्यक्ष मिल कर बेहद अच्छा लगा।
आदरणीय गिरीश पंकज जी इतने बड़े साहित्यकार होने के बाद भी जिस स्नेह से मिले और उन से बात हुई मेरे लिये उन से कुछ पल मिलना मात्र भी आशीर्वाद से कम नहीं है।
मेरी नज़र मे यह कार्यक्रम एक बेहद सफल आयोजन रहा जिसके लिये आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी,ज़ाकिर अली जी एवं रणधीर सिंह सुमन जी को विशेष धन्यवाद।
चित्रों के लिये आदरणीया वंदना अवस्थी जी एवं धीरेन्द्र जी का विशेष आभार एवं धन्यवाद !
(post re updated on 31/08/2012)
यशवन्त माथुर
एक जगह इतने सब लोगों से मिलना वास्तव मे एक अलग ही एहसास रहा। यह भी महसूस हुआ कि लोग मुझे कम से कम मेरे नाम से जानते तो हैं :) यह बात और है कि काफी लोग शक्ल से मुझे पहचान नहीं सके। सबसे पहली मुलाक़ात संजय भास्कर जी से हुई,इनके बाद आदरणीय अमित श्रीवास्तव सर एवं निवेदिता आंटी से मिलना बेहद अच्छा लगा। चौकने वाली बात दो बार हुई जब पहली बार सुनीता शानू जी ने बोला "अरे तुम तो इतने छोटे हो" और यही बात आदरणीया वंदना अवस्थी दुबे जी,इस्मत जैदी जी एवं शेफाली पांडे जी से मिलने पर भी हुई ;उनका भी यही कहना है कि अपनी फोटो मे मैं बहुत बड़ा दिखता हूँ लेकिन हूँ बहुत छोटा :) सही बात भी है आप सब से छोटा तो हूँ ही :) और इसीलिए आप सभी के आशीर्वाद का आकांक्षी रहता हूँ।
दिखता हूँ न छोटा :D:D:D:D (वंदना अवस्थी दुबे जी के साथ मैं और मेरे पिता जी ) |
विशेष रूप से आदरणीया शिखा वार्ष्णेय जी,राजेश कुमारी जी ,अर्चना चावजी जी ,वीणा श्रीवास्तव जी,निधि टंडन जी, रागिनी मिश्रा जी,गरिमा पांडे जी ,मुकेश कुमार सिन्हा जी ,रवि शंकर श्रीवास्तव जी,अविनाश वाचस्पति जी,संतोष त्रिवेदी जी,उदय वीर सिंह जी,धीरेन्द्र भदौरिया जी,आशीष जी,अरुण निगम जी,रविकर जी,रूप चंद शास्त्री जी,बी एस पाबला जी ,शिवम मिश्रा जी एवं नीरज जाट जी से भी प्रत्यक्ष मिल कर बेहद अच्छा लगा।
अरुण निगम जी और उदयवीर सिंह जी के साथ |
आदरणीय गिरीश पंकज जी इतने बड़े साहित्यकार होने के बाद भी जिस स्नेह से मिले और उन से बात हुई मेरे लिये उन से कुछ पल मिलना मात्र भी आशीर्वाद से कम नहीं है।
संजय भास्कर जी,धीरेन्द्र भदौरिया जी और उदयवीर सिंह जी के साथ |
मेरी नज़र मे यह कार्यक्रम एक बेहद सफल आयोजन रहा जिसके लिये आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी,ज़ाकिर अली जी एवं रणधीर सिंह सुमन जी को विशेष धन्यवाद।
चित्रों के लिये आदरणीया वंदना अवस्थी जी एवं धीरेन्द्र जी का विशेष आभार एवं धन्यवाद !
(post re updated on 31/08/2012)
यशवन्त माथुर
Bohot hi sundar anubhav raha hoga yashwant ji...apko bdhai...
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबहुत बहुत स्नेह !!! यशवंत जी तस्लीम-परिकल्पना सम्मान समारोह एवं अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन में समिल्लित होने के लिए बधाईयां एवं सस्मरणों को साझित करने के लिए आभार .....:))
ReplyDeleteबधाई... वर्चुअल दुनिया के साथियों से आमने-सामने मिलने का अलग ही रोमांच होता है...
ReplyDeletesach mein aaj ka anubhav avismarneeya rahega, itne saare logon se ek sath milna....
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया अनुभव रहा आज का, तुमसे और तुम्हारे पिताजी से मिलकर आनंद का अनुभव किया और इतने सारे bloggers को समक्ष पाकर तो गदगद हो उठी.....
ReplyDeleteहमारा आशीर्वाद हमेशा आपके साथ है.....यशवंत !:)
ReplyDeleteसंक्षिप्त सही लेकिन सहज रिपोर्ताज है यह आपके व्यक्तित्व के अनुरूप . शुक्रिया इस प्रस्तुति के लिए .कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteसोमवार, 27 अगस्त 2012
अतिशय रीढ़ वक्रता (Scoliosis) का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली में
http://veerubhai1947.blogspot.com/
आशीर्वाद है और हमेशा साथ रहेगा !
ReplyDeleteभावनाओं और विचारों का उम्र से कोई सम्बन्ध नहीं होता .... :)
आराम कर लीजिये फिर विस्तार से सुनाइएगा आँखों देखा हाल .... !
वाकई, आपने बहुत छोटी उम्र में ही बड़ी प्रसिद्धि हासिल कर् ली है... ईश्वर से प्रार्थना है कि आपको सफलता की अनन्यतम ऊँचाइयों तक पहुंचाए.
ReplyDeleteसच में " नन्हा मुन्ना राही " हूँ जैसे लगे ....-:)
ReplyDeleteबहुत बढिया,
ReplyDeleteतस्वीरों का इंतजार रहेगा
apni khushiyon me ham sabhi ko bhi sammilit kiya aapne iske liye ham sabhi aapke shukrguzar hain.badhai.तुम मुझको क्या दे पाओगे?
ReplyDeleteबधाई... संस्मरण को साझा करने के लिए शुक्रिया...
ReplyDeleteउस कार्यक्रम में आने का बड़ा मन था ...खैर..संस्मरण पढ़कर आचे लगे ..थोडा और विस्तार में बताते तो और मज़ा आता ..और हाँ तस्वीरों की कमी ख़ली...जल्दी डालियेगा
ReplyDeleteअरे तुम इतने छोटे हो :). मैंने भी किसी से कहा था
ReplyDeleteबहुत -बहुत बधाई हो ...
ReplyDeletekal ke karykarm ka bahut hi badiya anbhav reha sabhi se ek sath ek manch par milkar achha laaaga jinhe ham sirf naam se jante the kal ham unke beech the bahut hi sukhad anubhti ho rehi thi
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई यशवन्त ...मै तो रचनाओ और अभिव्यक्ति के माध्यम से हीआप सब से मिलती हूँ..हाँ चित्रों से पहचानती हूँ...
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteshubhkamnaaye :-)
सबसे मिलने का अवसर मिला आपको ... और यह प्रस्तुति दोनो ही अनुभव अच्छे लगे ...
ReplyDeleteयशवंत जी, आप को इस आयोजन में अच्छे-अच्छे लोगों की मुलाकात हुई। हम सब तो चित्रों या कमेंट के माध्यम से ही एक दूसरे का सामीप्य का अनुभव करते हैं। मेरे ब्लॉग "प्रेम सरोवर" के नवीनतम पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteआपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 01/09/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteछोटे तो हो ही ,प्यारे भी हो ,यशवंत तुम |
ReplyDeleteछोटे तो हो ही ,प्यारे भी हो ,यशवंत तुम |
ReplyDeleteशुभाशीष यशवंत ,तुमसे मिलकर मुझे भी अच्छा लगा...
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया अनुभव रहा यशवंत जी
ReplyDeleteस्नेह...आशीर्वाद...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रिपोर्ट ... सबसे मिल कर अच्छा ही लगा होगा ।
ReplyDeleteजय हो यशवंत तुम्हारी ... जय हो !
ReplyDeleteवाह! बहुत खूब! लगे रहो। खूब बड़े हो जाओ। नाम में ,काम में भी। :)
ReplyDeleteबहुत खूब....इतने लोगों से एक साथ मिलने का अवसर सबको कहां मिलता है....बधाई हो
ReplyDeleteअरे! सच मुच! अपने ब्लोगिया फोटो में आप अपनी उम्र से बड़े लगतें हैं सम्मेलनिया फोटो में छुटवा ;छोटा बनने बने रहने में बड़ा सुख है मुनुआ .बड़े होने पर दुःख ही दुःख (नहीं ऐसा भी नहीं है ),बात छोटा बनके रहने पर गौवान्वित होने की है सुखी होने की है .अपने अन्दर का बच्चा जीवित रखना .मरने न देना .इतनी बार सम्मेलनिया चित्रावली अलग अलग कोणों से देख ली ,अब कोई यूं ही मिल जाए सरे राह चलते चलते ब्लोगिया ,पहचान लेने में चूक नहीं होगी .ज़ेहन में उतर गएँ हैं कुछ चेहरे .शुक्रिया इस ब्लॉग पोस्ट के लिए सम्मेलनी सुख बोध के लिए .जो आपका सुख वह हमारा .नेहा से वीरुभाई .
ReplyDeleteram ram bhai
शनिवार, 1 सितम्बर 2012
अमरीकियों का स्वान प्रेम और पर्यावरण Home is where My dog is. रोज़ शाम को घूमने के लिए निकल जाता हूँ .दिन
वाह यशवंत ..तुम्हे .. 'बड़े ब्लॉग का छोटा यशवंत ' पुरूस्कार से नवाज़ा जाना चाहिए , खुश रहो और यूं ही खुशियाँ बांटते रहो
ReplyDeleteआपसे मिल अच्छा लगा,आदर मिला अपार
ReplyDeleteब्लॉग जगत से आपको ,मिले हमेशा प्यार,,,,,,शुभकामनाए
RECENT POST,परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,
शुभकामनायें यशवंत जी
ReplyDeleteब्लॉगरों की नीहारिका में आपको हम निहार रहे हैं. आयोजकों और प्रतिभागियों तथा पुरस्कृतों को बहुत बधाई.
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