सुबह से सुन रहा हूँ
फिल्मी पैरोडी पर
गूँजते भजनों का शोर
कभी तेज़
कभी धीमा संगीत
जिसके पार्श्व में
दबते से ,सिकुडते से बोल
न जाने कौन से
खोल में छुपे हुए हैं
हर ओर
बह रहा है
सिर्फ संगीत ही संगीत
जिसके साथ
बहता जा रहा हूँ
मैं भी
गुनगुनाता जा रहा हूँ
फिल्मी गाना
अखबार मे छपी
मलाला की तस्वीर की
कल्पना करते हुए
दुआ करते हुए
देवी माँ
उसे महफूज रखना
धरती की गोद में।
©यशवन्त माथुर©
फिल्मी पैरोडी पर
गूँजते भजनों का शोर
कभी तेज़
कभी धीमा संगीत
जिसके पार्श्व में
दबते से ,सिकुडते से बोल
न जाने कौन से
खोल में छुपे हुए हैं
हर ओर
बह रहा है
सिर्फ संगीत ही संगीत
जिसके साथ
बहता जा रहा हूँ
मैं भी
गुनगुनाता जा रहा हूँ
फिल्मी गाना
अखबार मे छपी
मलाला की तस्वीर की
कल्पना करते हुए
दुआ करते हुए
देवी माँ
उसे महफूज रखना
धरती की गोद में।
©यशवन्त माथुर©
बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .
ReplyDeleteआजकल फ़िल्मी पैरोडी भजनों का चलन बढ़ गया है,,,और सुनने में अच्छे
ReplyDeleteभी लगते है,लेकिन पुराने भजनों जैसी बात आजकल नही है,,,
यशवंत जी,मै आपके हर पोस्ट पर आता हूँ किन्तु आप मेरे पोस्ट पर नही आते,,,आइये स्वागत है,,,
RECENT POST ...: यादों की ओढ़नी
RECENT POST: माँ,,,
सच बयाँ कर दिया
ReplyDeleteचर्चा मंच सजा रहा, मैं तो पहली बार |
ReplyDeleteपोस्ट आपकी ले कर के, "दीप" करे आभार ||
आपकी उम्दा पोस्ट बुधवार (17-10-12) को चर्चा मंच पर | सादर आमंत्रण |
सूचनार्थ |
बिल्कुल सही लिखा है यशवंत जी ... फिल्मी धुनों के पीछे श्रद्धा के स्वर एसुनाई ही नहीं देते ...
ReplyDeleteफ़िल्मी पैरोडी पर आधारित भजन मे श्रद्धा भाव नही आपाता..लगता है कि हम कोई फिल्मी गीत सुम्रहे है..सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteभक्त कि भक्ति तो मलाला जैसी होती है जिसे मां भी महफूज रखेगी ,यशवंतजी आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है |आभार सार्थक काव्य पर |
ReplyDeleteदेवी माँ
ReplyDeleteउसे(Sabako) महफूज रखना
धरती की गोद में।
Shubhkamnayen !!
बहुत बढ़िया..सच बात...
ReplyDeleteसस्नेह
अनु
फ़िल्मी पैरोडी भजनों के बारे में क्या कहूँ ... ऐसा लगता है खाने के प्लेट पर कोई जूता रख दिया हो ... जूते कितने भी सुन्दर हो पर खाया नहीं जाता ...
ReplyDeleteखैर आपकी कविता अच्छी लगी ... जानवरों के समाज में लढती हुई एक इंसान के बारे में आपने सोचा यह अच्छा लगा ...
ITS TRUE
ReplyDeleteसही कहा यशवंत !
ReplyDeleteफिल्मी गीतों पर भजनों की Parody.... सच में Horrible! बहुत गुस्सा आता है...मगर क्या करें ? अपनी जनता में कुछ ऐसे लोग भी हैं..जिन्हें इस बात की समझ ही नहीं... :(
~God Bless !!!
मलाला के हौसले को नमन ..... देवी माँ महफूज़ रखे
ReplyDeleteमलाला बच्ची है और उसके मासूमियत को तालिबान नहीं देख पाए. काहे के तालिबान हैं?
ReplyDeleteसत्य !!!
ReplyDeleteबधाई , नवरात्र मंगलमय हो .
ReplyDeleteप्रश्न विचारणीय है ..
भाई प्रदीप कुमार साहनी के चर्चा मंच के माध्यम से आपका लिंक मिला, बहुत प्रसन्नता हुई, उनके माध्यम से कुछ अच्छा पढ़ने को मिला..... आपकी बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteदेवी माँ
ReplyDeleteउसे(Sabako) महफूज रखना
धरती की गोद में।...प्रभावशाली रचना.....
सही बात है,,
ReplyDeleteफ़िल्मी गीतों पर भगवान के गाने अच्छे नहीं लगते...
नवरात्री की शुभकामनाएँ...
:-)
सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा आपने .
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