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01 November 2012

ओ चाँद!

ओ चाँद!
कोशिश करता हूँ
समझने की
अक्सर
तुम्हारी कहानी को
पूर्णिमा के दिन
जब तुम दिखते हो
किसी झरोखे से
पहाड़ों के बीच से
या ऊंचे पेड़ों की
किसी शाख के किनारे से
दिखाते हो एक झलक
मुस्कुराते हुए
बादलों के बीच
तुम्हारी लुका छिपी से
मैं कभी झल्ला भी जाता हूँ
पर
जब कभी देखता हूँ
तुम्हारी आँखों में आँखें डाल कर
ऐसा लगता है
जैसे धरती की गोद में
सिर रख कर
तुम रो पड़ोगे
ऐसा कौन सा दर्द है
जिसे अपने में समेटे
अँधेरे की चादर
ओढ़ लेते हो
ओझल हो जाते हो
अमावस की रातों में
आज बता दो
ओ चाँद !
मैं सुनना चाहता हूँ
तुम्हारी कहानी
करना चाहता हूँ
अटूट दोस्ती तुम से
तुम खामोश क्यों हो
क्यों नहीं सुन रहे
मेरी बातों को
अब चुभ सी रही है
तुम्हारी ये हंसी
कोई जवाब नहीं
आखिर क्यों
ये मौनव्रत
लिया है तुमने?
ओ चाँद!
तुम्हारी चांदनी के साये में
ओस की बूंदों जैसे
तुम्हारे आंसू
मेरे कन्धों पर गिर रहे हैं
मैं समझ रहा हूँ
फिर भी सुनना चाहता हूँ
तुम्हारी जुबां में
तुम्हारी कहानी को
बोलो न
आखिर कुछ तो कहो
ओ चाँद!
तुम खामोश क्यों हो?

©यशवन्त माथुर©

('परिकल्पना' पर पूर्व प्रकाशित यह पंक्तियाँ इस ब्लॉग के ड्राफ्ट में सहेजी हुई थीं। आज निगाह पड़ी तो अपने ब्लॉग पर भी प्रकाशित कर रहा हूँ। )

15 comments:

  1. बहुत सुन्दर.....
    तुमसे कुछ कहे चाँद तो हमें भी बताना....

    सस्नेह
    अनु

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  2. बहुत सुन्दर अहसास...शुभकामनाएं यशवंत..

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  3. oo chand...tum khamosh q ho??
    Khubsoorat rachna...

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  4. बहुत सुंदर यशवंत...पूरी तरह अहसास से भरी ...

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  5. ख़ामोशी की जुबां से सबकुछ बोलता है चाँद... बहुत सुन्दर भाव... शुभकामनायें

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  6. शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन..बहुत उम्दा रचना

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  7. I came on your blog though Google search and i read 2-3 of your blog post and found many useful post out there...thanks for sharing...and keep the good works going..

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  8. सुन्दर रचना !!!
    ख़ामोशी सजाता है चाँद :)

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  9. चाँद से अकेले बात करने में एक अनोखा आनंद मिलता है...
    सुंदर रचना !
    ~God Bless!!!

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  10. ख़ामोशी को भी समझ पाना बहुत मुश्किल है

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  11. सुन्दर रचना

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  12. बहुत सुन्दर चाँद सी रचना ...

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  13. इस ख़ामोशी में भी कितनी गुफ्तगू हो गयी चाँद से ..
    सुन्दर।
    सादर
    मधुरेश

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  14. चाँद से सवाल-जवाब का सिलसिला बहुत भावपूर्ण है....
    सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति......

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