हिंदुस्तान-लखनऊ-13/12/2012 (पृष्ठ-16) |
11 साल पहले
संसद पर
गोली खाई है
वो वीर है
इतिहास के पन्नों पर
उसकी वीरता
आज लगा रही है झाड़ू
दिल्ली की सड़कों पर
निर्भर हो कर
ठेकेदार के करम पर
क्या वो झाड़ पाएगी
कागज के दबे पन्नों से धूल
क्या वो निकाल पाएगी
अलमारी मे छिपी
उस मोटी फाइल का बंडल
जिसमें छुप कर
कुंभकरणी नींद सो रहा है
उसकी वीरता का सबूत ?
या
यूं ही
चार हज़ार की
चक्की में
पिसता उसका जीवन
हर साल छपा करेगा
अखबार के पिछले पन्ने पर ?
संसद पर
गोली खाई है
वो वीर है
इतिहास के पन्नों पर
उसकी वीरता
आज लगा रही है झाड़ू
दिल्ली की सड़कों पर
निर्भर हो कर
ठेकेदार के करम पर
क्या वो झाड़ पाएगी
कागज के दबे पन्नों से धूल
क्या वो निकाल पाएगी
अलमारी मे छिपी
उस मोटी फाइल का बंडल
जिसमें छुप कर
कुंभकरणी नींद सो रहा है
उसकी वीरता का सबूत ?
या
यूं ही
चार हज़ार की
चक्की में
पिसता उसका जीवन
हर साल छपा करेगा
अखबार के पिछले पन्ने पर ?
(आज के 'हिंदुस्तान' मे छपे समाचार से प्रेरित-देखें चित्र)
©यशवन्त माथुर©
सरकार को त्वरित कार्यवाही कर अपनी अस्मिता की रक्षा करनी चाहिए ,अन्यथा कल को कोई बलिदान करने से मुंह मोड़ लेगा
ReplyDeleteMAIN AAPAKI SAJAGATA KO NAMAN KARATA HUN.
क्या वो झाड़ पाएगी
ReplyDeleteकागज के दबे पन्नों से धूल
क्या वो निकाल पाएगी
अलमारी मे छिपी
उस मोटी फाइल का बंडल
जिसमें छुप कर
कुंभकरणी नींद सो रहा है
उसकी वीरता का सबूत ?
या
यूं ही
चार हज़ार की
चक्की में
पिसता उसका जीवन
हर साल छपा करेगा
अखबार के पिछले पन्ने पर ?
सुंदर रचना।।।
प्रशंसनीय, साधुवाद !!
ReplyDeleteविचरणीय गम्भीर रचना.
ReplyDeleteमार्मिक सत्य , सार्थक अभिव्यक्ति !!!
ReplyDeleteगंभीर प्रश्न उठाती रचना .... सरकार की नींद खुलनी चाहिए ।
ReplyDeleteसरकार की नींद ऐसे समय कुम्हकरनी हो जाती है :((
ReplyDeleteविचारणीय बहुत उम्दा सृजन,,,, यशवंत जी बधाई,,,
ReplyDeleterecent post हमको रखवालो ने लूटा
विचारणीय रचना...आवाज तो उठानी ही चाहिए...
ReplyDeleteसंवेदनशील प्रस्तुति ..आभार!
ReplyDeleteसंवेदनशील रचना..
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