सेंटा !
सुना है
तुम बिना मांगे
अपनी झोली से निकाल कर
खुशियाँ बांटते हो
मुस्कुराहटें बांटते हो
और निकल लेते हो
अपनी राह
बिना कुछ कहे
बिना कुछ सुने
पर
आज
मैं मांगुंगा
और तुम्हें देना होगा
सिर्फ मुस्कुराओगे नहीं
तुम्हें बोलना भी होगा
तो सुनो
इस क्रिसमस पर
पुरुष के मन को
लज्जा ,शील, सौंदर्य
और कोमलता से भर कर
स्त्री के मन को
दृढ़ता
और बाहुबल से भर कर
दोनों की आँखों को
सहानुभूति की नज़र
देकर
घुमा दो अपनी
जादू की छड़ी
और बदल दो
भोग पर आश्रित
इंसानी सोच को
सुना तो ये भी है
कि बच्चों पर
जान छिड़कते हो तुम
तो
कुछ ऐसा भी कर दो
कि नन्हें अधरों की
भोली मुस्कुराहट
बनी रहे हमेशा
सेंटा!
अगर कुछ दे सको तो
पूरी कर देना
बस इतनी सी चाह
इस क्रिसमस पर !
©यशवन्त माथुर©
सुना है
तुम बिना मांगे
अपनी झोली से निकाल कर
खुशियाँ बांटते हो
मुस्कुराहटें बांटते हो
और निकल लेते हो
अपनी राह
बिना कुछ कहे
बिना कुछ सुने
पर
आज
मैं मांगुंगा
और तुम्हें देना होगा
सिर्फ मुस्कुराओगे नहीं
तुम्हें बोलना भी होगा
तो सुनो
इस क्रिसमस पर
पुरुष के मन को
लज्जा ,शील, सौंदर्य
और कोमलता से भर कर
स्त्री के मन को
दृढ़ता
और बाहुबल से भर कर
दोनों की आँखों को
सहानुभूति की नज़र
देकर
घुमा दो अपनी
जादू की छड़ी
और बदल दो
भोग पर आश्रित
इंसानी सोच को
सुना तो ये भी है
कि बच्चों पर
जान छिड़कते हो तुम
तो
कुछ ऐसा भी कर दो
कि नन्हें अधरों की
भोली मुस्कुराहट
बनी रहे हमेशा
सेंटा!
अगर कुछ दे सको तो
पूरी कर देना
बस इतनी सी चाह
इस क्रिसमस पर !
©यशवन्त माथुर©
Altruistic wishes.. :)
ReplyDeleteAmen!!!
bahut marmik bhav hriday ko sprs karate huye ...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी दुआ मांगी है आपने..
ReplyDeleteदुआ जरुर पूरी हो...इस दुआ के साथ..
आपको सहपरिवार नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ...
:-)
बहुत ही अच्छी दुआ मांगी है आपने..
ReplyDeleteदुआ जरुर पूरी हो...इस दुआ के साथ..
आपको सहपरिवार नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ...
:-)
इसी अभिलाषा को साकार होने की जरूरत है. उम्मीद करता हूँ सैंटा आपकी मुराद जरूर पूरी करें. बहुत सुन्दर भाव हैं.
ReplyDeleteक्या बात है साब बहुत ही अच्छी और सच्ची मांगे हैं | आशा है संत भाऊ ज़रूर पूरी करेंगे | तथास्तु |
ReplyDeleteसेंटा!
ReplyDeleteअगर कुछ दे सको तो
पूरी कर देना
बस इतनी सी चाह
इस क्रिसमस पर !
आमीन !!सेंटा आपकी सारी मुरादें पूरी करे :))
आमीन ... बहुत से लोगों की ये आपेक्षा है ...
ReplyDeleteसेंटा इंसान को इंसान बना दे आज ...
सेंटा जरुर पूरी कर देना
ReplyDeleteबस इतनी सी चाह...
हम सबकी दुआ है आपकी दुआ पूरी हो... शुभकामनायें
बहुत प्यारी सी कविता..शुभकामनायें!
ReplyDeleteBest wishes.yashwant bhai :)))))
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
ReplyDeleteसूचनार्थ |
नेक दिल से निकली भावना ,सेंटा सुनना ज़रूर !!!
ReplyDeleteबहुत प्यारी ख़्वाहिश ...
ReplyDeleteसेंटा जरुर पूरी कर देना हम सबकी दुआ है
ReplyDeleteशुभकामनायें,,,,
recent post : समाधान समस्याओं का,
गजब की विश्व शांति की चाह जहां खुशियाँ ही खुशियाँ
ReplyDeleteआमीन.....
ReplyDeleteआपकी सभी ख्वाहिशें पूरी हों....
सुन्दर अभिव्यक्ति.
सस्नेह
अनु
बहुत ही अच्छी लगी यह कविता |
ReplyDeletemerry Christmas to you .
आशा
सेंताक्लाज(सन्त निकोलस) के व्याज में अच्छी यथाथ वाली बात कह डाली आप ने और यह सिद्ध कर दिया कि छन्द ही नहीन,छन्द-मुक्त कविता भी सशक्त माध्यम है दर्पण दिखाने का !
ReplyDeleteइस मांग में हम भी तुम्हारे साथ हैं प्रिय यशवंत शुभकामनाएं
ReplyDeleteकाश............ऐसा ही हो.
ReplyDeleteआमीन!!
सटीक मांग,काशः ऐसा हो जाय,सेंटा आएं,
ReplyDeleteझोली भर इंद्रधनुष ले आएं.
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 29/12/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeletewahhh...bahut badiya hai apki chah...
ReplyDeletehttp://ehsaasmere.blogspot.in/
बहुत ही अच्छी दिल से निकली भावना***^^^^**** पुरुष के मन को
ReplyDeleteलज्जा ,शील, सौंदर्य
और कोमलता से भर कर
स्त्री के मन को
दृढ़ता
और बाहुबल से भर कर
दोनों की आँखों को
सहानुभूति की नज़र
देकर
घुमा दो अपनी
जादू की छड़ी
और बदल दो
भोग पर आश्रित
इंसानी सोच को
काश कि यह सच हो जाए
ReplyDeleteयसवंत जी बहुत सुन्दर रचना ...काश की ऐसा कोई उपहार मिल जाए......
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