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24 January 2013

शांति कहाँ है ?

मोटरों से चीखते
चौराहों के शोर में
दिन के उजाले में
रातों में
और क्षणिक भोर में ....
तनहाई में
नींद में
या बंद आँखों की ओट में  ....
आगे बढ्ने की दौड़ में
आज के इस दौर में
सब कुछ है हर जगह
पर
शांति कहाँ है ?

©यशवन्त माथुर©

6 comments:

  1. शुभप्रभात :))
    उम्दा प्रस्तुती !!
    शुभकामनायें !!

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  2. शान्ति मन में है ....:)

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  3. शांति तो मन की गहराई में है जहाँ कोई विचार नहीं है भाव लोक के भी पार..

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  4. सब कुछ है हर जगह
    पर
    शांति कहाँ है ?????

    सहज और गहन सवाल !!!


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  5. सच कहा बंधुवर शांति नहीं है आज किसी के भी जीवन में .....उसी की कमी है हर तरफ | जब इंसान के मन में ही शांति नहीं होगी तो जीवन में शांति कहाँ से आएगी | सर्वप्रथम मन की शांति अत्यंत आवश्यक है उसके बाद ही और कुछ है | अच्छी रचना | आभार |

    tamasha-e-zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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