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न कुछ सोच कर
न कुछ समझ कर
कुलबुलाती कलम तो बस
यूं ही चलती है
कागज की राहों पर
कागज की राहों पर
जिनका आदि तो निश्चित है
पर अनिश्चित अन्त तक
पहुँचते पहुँचते
क्या क्या रच देगी कलम
कुछ स्याह कुछ सफ़ेद
शायद उसे भी पता नहीं
कलम वरदान है
अभिशाप भी है
अनोखा पुण्य है
और पाप भी है
कलम मंत्र है
अजान,अरदास और प्रार्थना है
कलम जीवन है
और मौत की याचना है
न कुछ सोच कर
न कुछ समझ कर
शब्द सीमाओं के परे
कागज़ की मायावी दुनिया में
पंछी की तरह उड़ती है कलम
बस कुछ उँगलियों में जकड़ कर !
©यशवन्त माथुर©
न कुछ समझ कर
कुलबुलाती कलम तो बस
यूं ही चलती है
कागज की राहों पर
कागज की राहों पर
जिनका आदि तो निश्चित है
पर अनिश्चित अन्त तक
पहुँचते पहुँचते
क्या क्या रच देगी कलम
कुछ स्याह कुछ सफ़ेद
शायद उसे भी पता नहीं
कलम वरदान है
अभिशाप भी है
अनोखा पुण्य है
और पाप भी है
कलम मंत्र है
अजान,अरदास और प्रार्थना है
कलम जीवन है
और मौत की याचना है
न कुछ सोच कर
न कुछ समझ कर
शब्द सीमाओं के परे
कागज़ की मायावी दुनिया में
पंछी की तरह उड़ती है कलम
बस कुछ उँगलियों में जकड़ कर !
©यशवन्त माथुर©
कलम वरदान है
ReplyDeleteअभिशाप भी है
अनोखा पुण्य है
और पाप भी है
यकीनन .....
बस इसकी निरंतरता बरकरार रखिये यशवंत भाई. सुन्दर भाव.
ReplyDeleteशब्द सीमाओं के परे
ReplyDeleteकागज़ की मायावी दुनिया में
पंछी की तरह उड़ती है कलम
और रचती है रचना आपकी लाजबाब !!
शुभकामनायें :))
सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति कलम आज भी उन्हीं की जय बोलेगी ...... आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteप्रभावशाली ,
ReplyDeleteजारी रहें।
शुभकामना !!!
आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
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कलम यूँ ही चलती रहे... इतिहास, वर्तमान, भविष्य रचने का सामर्थ्य रखती है यह कलम...लाजबाब रचना...शुभकामनाये
ReplyDeleteकलम मंत्र है
ReplyDeleteअजान,अरदास और प्रार्थना है
कलम जीवन है
और मौत की याचना है
सही कहा है..कलम के बल पर ही जीवित हैं सूर, कबीर तुलसी...
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 22/1/13 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां स्वागत है
ReplyDeleteकेंद्र बिंदु, मष्तिक है मेरा
ReplyDeleteनये विषय का,लगता फेरा
लिखता जो,मेरा मन करता
मेरी कलम से,कायर डरता,,,
recent post : बस्तर-बाला,,,
बहुत बढ़िया .... वैसे अभी की बोर्ड वाली कविता पढ़ कर आ रही हूँ ...
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