आ .. हा बहुत खूब .. :)recent poem : मायने बदल गऐ
ये तभी होता है जब मन खट्टा होता है ....दिल में दर्द हो तो , हर बात बुरी लगती है।घर में अर्थी हो तो , बारात बुरी लगती है ..
राह से भटकी हर चीज बिगड़ ही जाती है...चाहे वो स्वरलहरिया हो या मनुष्य ....गहन भाव लिए रचना..
मन प्रसन्न न हो तो कुछ भी अच्छा नही लगता...शुभकामनाएं.यशवन्त..
यहाँ सब कुछ बदल जाता है..
सुन्दर रचना
बहुत ही खुबसूरत....
आ .. हा बहुत खूब .. :)
ReplyDeleterecent poem : मायने बदल गऐ
ये तभी होता है जब मन खट्टा होता है ....
ReplyDeleteदिल में दर्द हो तो , हर बात बुरी लगती है।
घर में अर्थी हो तो , बारात बुरी लगती है ..
राह से भटकी हर चीज बिगड़ ही जाती है...
ReplyDeleteचाहे वो स्वरलहरिया हो या मनुष्य ....
गहन भाव लिए रचना..
मन प्रसन्न न हो तो कुछ भी अच्छा नही लगता...शुभकामनाएं.यशवन्त..
ReplyDeleteयहाँ सब कुछ बदल जाता है..
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत....
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