बहुत अच्छे बंधू | बढ़िया अभिव्यक्ति |Tamasha-e-zindagi
अंतर्मन को उद्देलित करती पंक्तियाँ......
बहुत पहले मेरे सोने के कमरे में थी ऐसी घड़ी .......... कई बार मन किया होगा ..........उतारूँ और चुर-चुर कर दूँ .....शुभकामनायें !!
मेल पर प्राप्त टिप्पणी -indira mukhopadhyayVery correct expression Yashwantji
बहुत अच्छे बंधू | बढ़िया अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteTamasha-e-zindagi
अंतर्मन को उद्देलित करती पंक्तियाँ......
ReplyDeleteबहुत पहले मेरे सोने के कमरे में थी ऐसी घड़ी ..........
ReplyDeleteकई बार मन किया होगा ..........
उतारूँ और चुर-चुर कर दूँ .....
शुभकामनायें !!
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ReplyDeleteindira mukhopadhyay
Very correct expression Yashwantji