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04 February 2013

क्षणिका.......

सड़क सिर्फ
सड़क ही नहीं
सड़क
सिर्फ एक रास्ता ही नहीं
कभी कभी सड़क
मंज़िल भी होती है
जहां से शुरू होती है
वहीं पर खत्म होती है।  

©यशवन्त माथुर©

12 comments:

  1. शानदार अभिव्यक्ति,,,यशवंत जी,,,

    RECENT POST बदनसीबी,

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  2. बहुत बढ़िया विचार ...

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  3. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 5/2/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है

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  4. सही बात है सड़क मंजिल भी है रास्ता भी... बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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  5. एक यायावर के लिए तो सड़क ही उसकी मंजिल होती खाई..बहुत खूब लिखा है यशवंत जी!

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  6. बेहतरीन अभिव्यक्ति ...

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  7. सुंदर प्रतीकात्मक क्षणिका, वाह !!!!!!!!!

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  8. यह तो राहगीर ही समझ सकता है कि‍ उसकी मंजि‍ल कहां हैं....सुंदर सोच

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  9. badi sacchai.kuch shabdon men sach ka ahsas karant bat

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