नज़र -
जब देखती है
आसमान में उमड़ते
काले बादल
नज़र -
जब देखती है
कड़कती बिजली
और झमाझम बारिश
नज़र -
जब देखती है
बारिश के बाद का
सुनहरा -ताज़ा सा
और कुछ मैला- काला सा
चित्र
शायद तभी एहसास होता है
वर्तमान-भविष्य और भूत के
आपस में गुंथे होने का!
©यशवन्त माथुर©
जब देखती है
आसमान में उमड़ते
काले बादल
नज़र -
जब देखती है
कड़कती बिजली
और झमाझम बारिश
नज़र -
जब देखती है
बारिश के बाद का
सुनहरा -ताज़ा सा
और कुछ मैला- काला सा
चित्र
शायद तभी एहसास होता है
वर्तमान-भविष्य और भूत के
आपस में गुंथे होने का!
©यशवन्त माथुर©
हमारा भुत,वर्तमान और भविष्य एक दूसरे से जुड़े हैं एक दूसरे की परछाई हमेशा हमारे सामने होती है,बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteवर्तमान भविष्य और भूत.......
ReplyDeleteयही तो जीवन है..
सुन्दर भाव.
सस्नेह
अनु
bahut badhiya
ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति यशवंत भाई.
ReplyDeleteवाह ..गहरी नजर !
ReplyDeletebhavpurna.. Sundar Pnktiya..
ReplyDeletehttp://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post_11.html
आपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (13-02-13) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
ReplyDeleteसूचनार्थ |
काल की निरंतरता की सुंदर अनुभूति !
ReplyDelete... खूबसूरत रचना यशवंत भाई
ReplyDeleteशब्दों की मुस्कुराहट पर आने वाले दिनों में