आसमान मे उड़ते पक्षी
सड़क पर घूमते
आवारा जानवर
नदियों तालाबों और समुंदर में तैरते
जलचर
सभी कर रहे हैं सफर
बिना किसी लक्ष्य
बिना किसी उद्देश्य के
क्योंकि
वो इंसान नहीं हैं।
©यशवन्त माथुर©
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उनके पास न तो दिल-दिमाग
ReplyDeleteऔर
तन-मन ढंकने की जरूरतें
अनेक भी तो नहीं हैं !!
बहुत ही सुन्दर ...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (2-3-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
आसमान मे उड़ते पक्षी
ReplyDeleteसड़क पर घूमते
आवारा जानवर
नदियों तालाबों और समुंदर में तैरते
जलचर
सभी कर रहे हैं सफर
बिना किसी लक्ष्य
बिना किसी उद्देश्य के
क्योंकि
वो इंसान नहीं हैं।
यशवंत जी आपकी बातों से सहमत होते हुए भी एक विचार मन में आया . क्या हम उनकी भाषा, भावनाएं, लक्ष्य, को जानते है? सभी जीव अपनी शैली में अपनी सीमाओं में जीते हैं। एक जीव दुसरे के सामान? शायद इश्वर की अनुपम अद्वितीय कृति?
इंसान होना भी दुखी करता है आजकल तो ... हमारी प्रजाति सबसे क्रूर और निर्मम हो गयी है .. हम लक्ष्यों में इतना घिर गए हैं कि सारी इंसानियत जो हमें इन पंछियों और जानवरों से भिन्न बनाती थी, वो सब खोता जा रहा है
ReplyDeleteवे सब प्रकृति से जुड़े हैं..मानव कट गया है..
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