बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया...
बहुत सुन्दर ...!
बंद कमरे में बाहर का कुछ भी कहाँ नज़र आता है ..बहुत बढ़िया संवेनशील प्रस्तुति ..
वाह बहुत सुन्दर ..सागर मेम गागर भर दिया..यशवंत..
कड़वा सच ....सोच के मन कसैला हो जाता है .......शुभकामनायें !!
अर्थपूर्ण क्षणिका ...
सुनहरा कल (?)बीन रहा हैटुकड़ा टुकड़ा सपनों कोकूड़े के ढेरों पर! बहुत मार्मिक सत्य......
waah! saral shabdon mein gehri baaat.shubhkamnayen
अर्थपूर्ण ...चंद शब्दों में पूरी कहानी
बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...!
ReplyDeleteबंद कमरे में बाहर का कुछ भी कहाँ नज़र आता है ..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया संवेनशील प्रस्तुति ..
वाह बहुत सुन्दर ..सागर मेम गागर भर दिया..यशवंत..
ReplyDeleteकड़वा सच ....
ReplyDeleteसोच के मन कसैला हो जाता है .......
शुभकामनायें !!
अर्थपूर्ण क्षणिका ...
ReplyDeleteसुनहरा कल (?)
ReplyDeleteबीन रहा है
टुकड़ा टुकड़ा सपनों को
कूड़े के ढेरों पर!
बहुत मार्मिक सत्य......
waah! saral shabdon mein gehri baaat.
ReplyDeleteshubhkamnayen
अर्थपूर्ण ...चंद शब्दों में पूरी कहानी
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