बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
अच्छी अभिव्यक्ति , बधाई
दिल से निकला हर लफ्ज़ कविता ही तो है....अनु
कविता लिखने की सबकी अपनी२ शैली है लेकिन लय छंद और व्याकरण में बाँधकर अपने भावों को लिखकर प्रगट करना सबके बस की बात नही होती,,, RecentPOST: रंगों के दोहे ,
जिन्हें कोई रचता है शब्दों मेंऔर मुक्त हो करकहता हैवही कविता है। बहुत सुन्दर...बधाई...
मुझे हौसला देने के लिए शुक्रिया :))शुभकामनायें !!
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 23/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
सही है..
बहुत सही कहा आपने
सुन्दर रचना..दिल की बात कविता से कम नहीं...
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteअच्छी अभिव्यक्ति , बधाई
ReplyDeleteदिल से निकला हर लफ्ज़ कविता ही तो है....
ReplyDeleteअनु
कविता लिखने की सबकी अपनी२ शैली है लेकिन लय छंद और व्याकरण में बाँधकर अपने भावों को लिखकर प्रगट करना सबके बस की बात नही होती,,,
ReplyDeleteRecentPOST: रंगों के दोहे ,
जिन्हें कोई रचता है शब्दों में
ReplyDeleteऔर मुक्त हो कर
कहता है
वही कविता है।
बहुत सुन्दर...बधाई...
मुझे हौसला देने के लिए शुक्रिया :))
ReplyDeleteशुभकामनायें !!
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 23/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteसही है..
ReplyDeleteसही है..
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने
ReplyDeleteसुन्दर रचना..
ReplyDeleteदिल की बात कविता से कम नहीं...