(कृपया इस पोस्ट को दिमाग लगा कर न पढ़ें )
थोड़ा कॉपी ,पूरा पेस्ट
नयी पोस्ट का पुराना टेस्ट
पुराना कुछ कुछ नया लगे है
पढ़ कर पाठक सिर धुने है
ठक ठक ठक ठक ,दिमाग के पट पर
निकल चल बाहर ,अंदर धर कर
पीकर ठंडाई भंग मिला कर
होली आई रंग मिला कर
टाटा-टाटा बाई-बाई, हाथ हिला कर
सॉरी माफी टाइम का वेस्ट
खा कर गुझिया कर लो रेस्ट
आधा कॉपी,आधा पेस्ट
पढ़ा आपने, ऑल द बेस्ट।
~यशवन्त माथुर©
आप सभी को होली मुबारक
होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें+आशीर्वाद और
ReplyDeleteरंग-गुलाल संग नहीं भंग !!
होली की बहुत सारी शुभकामनायें
ReplyDeletehappy holi...आपको रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...!
ReplyDeleteवाह...बहुत सुन्दर प्यारी रचना...
ReplyDeleteआपको सहपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
:-)
बहुत सुन्दर.....होली की शुभकामनाएं!!
ReplyDeleteपधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...
होली की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
ReplyDeleteबिलकुल दिमाग नहीं लगाया इसे पढ़ने में .. पर मस्त है ..
होली के मौके पर दिमाग तो वैसे ही ताक पर रख दिया जाता है..
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