(यह पंक्तियाँ एक खास दोस्त के लिये जिन्हें मैं 'डॉक्टर' कहता हूँ।)
Ph.d भी होता है
MBBS और MD भी होता है
हर डॉक्टर
'सर्जन' ही होता है
एक चीरता है
बिगड़े अंग को
और देता है
नया जीवन
एक चीरता है
दर्शन को
और देता है
नया सृजन
मोटी किताबों
और दुनिया भर की
अगर मगर में
प्रयोगशालाओं
पुस्तकालयों की
हर डगर में
एक नये युग
नयी परिकल्पना का
अवतरण होता है
सर्जक का सृजन
हर डॉक्टर
सर्जन होता है।
~यशवन्त माथुर©
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very nice indeed
ReplyDelete.सार्थक भावनात्मक प्रस्तुति जया प्रदा भारतीय राजनीति में वीरांगना .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
ReplyDeleteबेहतरीन एहसास.....
ReplyDeleteमूर्खता दिवस की मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (01-04-2013) के चर्चा मंच-1181 पर भी होगी!
ReplyDeleteसूचनार्थ ...सादर..!
satik :)
ReplyDeleteआपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 03/04/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 03/04/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteवाह..अच्छा है
ReplyDeleteसही कहा...यशवंत!
ReplyDeleteअच्छी रचना!
~God Bless!!!
wah.....sarthak rachana
ReplyDeletesahi :-)
ReplyDeleteसही बात यशवंत जी...
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